मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक जिम में काम करने वाली युवती के सनसनीखेज आरोपों ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। अधारताल थाना क्षेत्र स्थित साईं फिटनेस जिम में काम करने वाली युवती ने ट्रेनर अमन खान पर यौन उत्पीड़न और धर्मांतरण का दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
आरोपों के बाद न केवल स्थानीय पुलिस हरकत में आई, बल्कि हिंदू टाइगर फोर्स भी खुलकर मैदान में आ गई है। इस घटना ने शहर में धार्मिक और सामाजिक चेतना को झकझोर कर रख दिया है।
पीड़िता ने कहा – “मुझे मजबूर किया जा रहा था धर्म बदलने के लिए”
पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि वह दो महीने से इस जिम में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही थी। इस दौरान आरोपी अमन खान, जो खुद को “अमन राज” बताकर नौकरी पर आया था, बार-बार उसके साथ छेड़छाड़ करता रहा।
युवती का कहना है कि अमन उसे इस्लाम धर्म की खूबियां गिनाता और लगातार धर्म परिवर्तन के लिए मानसिक दबाव बनाता। उसने बताया कि जिम की अन्य युवतियों के साथ भी आरोपी का व्यवहार आपत्तिजनक था और कई लड़कियों ने इसी वजह से जिम छोड़ दिया।
शिकायत करने पर मिली धमकियां
जब पीड़िता ने जिम प्रबंधन से अमन की हरकतों की शिकायत की, तो आरोपी ने उसे गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। परेशान होकर युवती हिंदू टाइगर फोर्स के साथ अधारताल थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। संगठन की पदाधिकारी संजना विश्वकर्मा ने बताया कि यह मामला सिर्फ एक लड़की तक सीमित नहीं है, बल्कि एक बड़े धर्मांतरण रैकेट की आशंका है।
इंदौर-जबलपुर से जुड़े हो सकते हैं बड़े तार
हिंदू टाइगर फोर्स का दावा है कि यह रैकेट उत्तर प्रदेश के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से जुड़ा हुआ हो सकता है। हाल ही में उनके पास से करोड़ों की संपत्ति और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के प्रमाण मिले हैं। संगठन ने पूरे मामले की एनआईए जांच की मांग की है।
जिम प्रबंधन ने लगाए झूठे आरोपों का दावा
वहीं दूसरी ओर, साईं फिटनेस जिम के मैनेजर ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे जिम की छवि खराब करने की साजिश बताया है। मैनेजर ने कहा, “हमारे यहां हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, अगर ऐसा कुछ हुआ होता तो वह फुटेज में दिखता।”
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार, जांच जारी
अधारताल थाना प्रभारी प्रवीण कुमरे ने बताया कि युवती की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी अमन खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर जांच कर रही है। टीआई का कहना है कि आरोप सही पाए जाने पर आरोपी पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
क्या शहर में युवतियां सुरक्षित हैं?
यह मामला केवल यौन उत्पीड़न या धर्मांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शहर में लड़कियों की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या प्रशासन इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने में नाकाम हो रहा है? क्या शहर की युवतियां जिम, ऑफिस या किसी भी कार्यस्थल पर खुद को सुरक्षित महसूस कर पा रही हैं?
फिलहाल सच्चाई जांच के बाद सामने आएगी, लेकिन जबलपुर में यह विवाद सामाजिक और धार्मिक बहस की एक नई चिंगारी बन चुका है।
इस घटना पर आपकी क्या राय है? क्या युवतियों को सुरक्षा देने के लिए प्रशासन को और सख्ती बरतनी चाहिए? कमेंट में अपनी राय जरूर दें।