हापुड़, 17 अक्टूबर 2025। IT Raid: 13 अक्टूबर की सुबह सवा सात बजे दिल्ली से आयकर विभाग की 50 से अधिक अधिकारियों की टीम हापुड़ पहुंची। स्थानीय पुलिस के सहयोग से तत्काल छापेमारी शुरू हो गई, जो आज पांचवें दिन भी जोरों पर है। इस कार्रवाई का केंद्र बिंदु मीट निर्यात से जुड़े प्रमुख कारोबारी हाजी यासीन हैं। उनकी ईदगाह रोड स्थित पुरानी हवेली और ऑफिस में टीम ने व्यापक तलाशी ली। इसी क्रम में गाजियाबाद की उनकी फैक्ट्री पर भी छापा पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन बड़ी स्तर की कर चोरी को उजागर करने के लिए चलाया जा रहा है, जिसमें फर्जी बिलिंग और विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन प्रमुख हैं। टीम ने शुरुआती घंटों में ही महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में ले लिए, जो करोड़ों रुपये की अनियमितताओं की ओर इशारा कर रहे हैं। हाजी यासीन के अलावा उनके करीबी सहयोगियों के घरों पर भी आयकर टीम ने नजरें टेढ़ी हैं।

दाना व्यापारी असलम कुरैशी के आवास विकास कॉलोनी स्थित निवास, मोहल्ला श्रीनगर के कर अधिवक्ता नितिन गर्ग और उनके भाई गौरव गर्ग के ठिकानों समेत कुल छह से अधिक स्थानों पर छापेमारी हुई। इन जगहों से लैपटॉप, रिकॉर्ड फाइलें और बैंक संबंधी दस्तावेज जब्त किए गए। पूछताछ के दौरान कई लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं, जो कारोबार की जटिल परतों को खोलने में सहायक साबित हो रहे हैं। व्यापारिक हलकों में इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।
कुछ सहयोगी अतिरिक्त पूछताछ के दायरे में आ चुके हैं, जबकि अन्य अपनी सफाई देने की तैयारी में जुटे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है, और आने वाले दिनों में और अधिक ठिकानों पर दबिश दी जा सकती है।
बड़े खुलासे की उम्मीद
पिछले पांच दिनों से चली इस कार्रवाई में टीम दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है। फर्जी निर्यात बिलिंग के जरिए विदेशी लेन-देन में गड़बड़ी के सबूत मिलने की संभावना है, जो मीट निर्यात उद्योग के काले कारनामों को बेनकाब कर सकती है। अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं हुआ, लेकिन अनुमान है कि करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला सामने आ सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “जल्द ही बड़े राज खुलेंगे, जो न केवल हाजी यासीन के साम्राज्य को हिला देंगे, बल्कि पूरे सेक्टर में पारदर्शिता लाएंगे।”
इस घटना ने स्थानीय व्यापारियों में दहशत फैला दी है, और कई लोग अपनी फाइलें चेक करा रहे हैं। आयकर विभाग की यह मुहिम न केवल आर्थिक अपराधों पर लगाम कसेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने का संदेश भी देगी। कुल मिलाकर, हापुड़ का यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है।








