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इसरो का मास्टर प्लान, 40 साल में मंगल पर इंसान और चांद पर बनेगा आवास

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बेंगलुरु, 30 अगस्त 2025। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी योजना का खुलासा किया है, जिसके तहत अगले 40 वर्षों में भारत न केवल मंगल ग्रह पर इंसान को उतारेगा, बल्कि चंद्रमा पर स्थायी आवास भी स्थापित करेगा। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने हाल ही में इस मास्टर प्लान की रूपरेखा साझा की, जो भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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यह योजना न केवल तकनीकी प्रगति को दर्शाती है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक महत्वाकांक्षा को भी रेखांकित करती है। इसरो की योजना के पहले चरण में गगनयान मिशन को मजबूत करना शामिल है। गगनयान, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, 2026 तक तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजेगा। इस मिशन के जरिए इसरो मानव अंतरिक्ष उड़ानों में अपनी क्षमता को साबित करेगा। इसके बाद, 2035 तक भारत अपने स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (BIS) को स्थापित करने की योजना बना रहा है।

यह स्टेशन चंद्रमा और मंगल मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में काम करेगा। इसरो का अगला लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजना है। इस मिशन के तहत चंद्रमा पर एक स्थायी आवास स्थापित करने की योजना है, जहां वैज्ञानिक अनुसंधान और संसाधन खनन जैसे कार्य किए जा सकेंगे। चंद्रयान मिशनों की सफलता, विशेष रूप से चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग, ने इस दिशा में भारत की तकनीकी क्षमता को मजबूत किया है।

इसरो चंद्रमा पर बेस कैंप स्थापित करने के लिए 3D प्रिंटिंग और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने की तकनीक पर भी काम कर रहा है। मंगल ग्रह पर मानव मिशन इसरो का सबसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसे 2065 तक हासिल करने की योजना है। मंगल मिशन के लिए इसरो पहले मंगलयान-2 जैसे रोबोटिक मिशनों के जरिए ग्रह की सतह और वातावरण का विस्तृत अध्ययन करेगा। इसके बाद, मानव मिशन के लिए उन्नत रॉकेट, लाइफ सपोर्ट सिस्टम, और दीर्घकालिक अंतरिक्ष यात्रा की तकनीकों का विकास किया जाएगा।

इसरो इस दिशा में नासा और अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सहयोग की संभावनाएं भी तलाश रहा है।इस मास्टर प्लान में सौर अनुसंधान, शुक्र मिशन, और अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा स्टेशनों की स्थापना जैसे अन्य परियोजनाएं भी शामिल हैं। इसरो का यह विजन न केवल वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत में युवाओं को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में प्रेरित करेगा। सोमनाथ ने कहा कि यह योजना भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने का हिस्सा है।

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