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India’s Masterstroke: DRDO वैज्ञानिक के खुलासे से पाकिस्तान के ‘जिगरी दोस्तों’ को झटका

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नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025। India’s Masterstroke: भारत ने एक बार फिर अपनी रक्षा और खुफिया रणनीति से पाकिस्तान और उसके सहयोगियों को चौंका दिया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के एक वैज्ञानिक द्वारा किए गए सनसनीखेज खुलासे ने पाकिस्तान के ‘जिगरी दोस्तों’ की रणनीति को बड़ा झटका दिया है। महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने इस मामले में गहन जांच शुरू की है, जिसमें DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के खिलाफ जासूसी का आरोप है।

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कुरुलकर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है, जिसने भारत की रक्षा योजनाओं को खतरे में डाल दिया।मामला तब सामने आया जब ATS ने 3 मई 2023 को पुणे में DRDO के रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (इंजीनियर्स) के निदेशक प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि कुरुलकर ‘जारा दासगुप्ता’ नाम की एक कथित पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के हनी ट्रैप में फंस गए थे।

इस एजेंट ने खुद को यूके की सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताकर व्हाट्सएप, वॉयस कॉल और वीडियो कॉल के जरिए कुरुलकर से संपर्क स्थापित किया। ATS की चार्जशीट के अनुसार, कुरुलकर ने ब्रह्मोस, अग्नि-6, ड्रोन, और सैन्य ब्रिजिंग सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण रक्षा प्रोजेक्ट्स की गोपनीय जानकारी साझा की।

कुरुलकर ने कथित तौर पर जारा को प्रभावित करने के लिए अपनी उपलब्धियों का बखान किया, जिसमें अग्नि-6 लॉन्चर के सफल परीक्षण की जानकारी भी शामिल थी। चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ कि जारा ने कई फर्जी पहचानों, जैसे जूही अरोड़ा, और लंदन के फोन कोड (+44) का उपयोग करके कुरुलकर का विश्वास जीता। ATS ने पाया कि कुरुलकर के फोन में मालवेयर डाला गया था, जिससे संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा और बढ़ गया।

यह खुलासा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। कुरुलकर ने न केवल DRDO की गोपनीय जानकारी साझा की, बल्कि भारतीय सेना के लिए रोबोटिक उपकरण बनाने वाली एक निजी कंपनी के सीईओ का नाम और अन्य विवरण भी लीक किए। ATS ने 30 जून 2023 को 1,837 पेज की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 203 गवाहों के बयान शामिल हैं। कुरुलकर को ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 के तहत 14 साल की सजा हो सकती है।

इस घटना ने भारत की साइबर सुरक्षा और रक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है। DRDO ने कुरुलकर को लैब निदेशक के पद से हटा दिया और संगठन के अन्य अधिकारियों को सोशल मीडिया पर सतर्क रहने की चेतावनी दी। यह मामला भारत के लिए एक सबक है कि पाकिस्तान और उसके सहयोगी देश खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए हर हथकंडे अपना सकते हैं। भारत ने इस खुलासे के बाद अपनी साइबर और रक्षा रणनीति को और मजबूत करने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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