नई दिल्ली, 9 अगस्त 2025। India-Philippines: भारत और फिलीपींस ने हाल ही में अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हुए दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए एक नया कदम उठाया है। दोनों देशों ने 4 से 8 अगस्त 2025 तक दक्षिण चीन सागर में पहली बार संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जिसने बीजिंग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह साझेदारी न केवल रक्षा और समुद्री सहयोग पर केंद्रित है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और स्वतंत्र नौवहन को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
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5 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों ने 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें 2025-2029 तक का एक कार्ययोजना और रक्षा सहयोग को बढ़ाने का समझौता शामिल है। भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों की आपूर्ति के साथ-साथ पनडुब्बी बुनियादी ढांचे, जहाज डिजाइन और नौसेना आधुनिकीकरण में सहायता देने का वादा किया है। दोनों देशों ने 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) और 2016 के दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता फैसले का समर्थन करने पर जोर दिया, जो चीन के व्यापक दावों को खारिज करता है।
दक्षिण चीन सागर में 3 ट्रिलियन डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है, और भारत का 55% से अधिक समुद्री व्यापार इसी क्षेत्र से होकर गुजरता है। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और ‘महासागर’ दृष्टिकोण के तहत यह साझेदारी क्षेत्र में चीन के दबदबे को चुनौती देने का एक प्रयास है। फिलीपींस ने भारत को अपना पांचवां रणनीतिक साझेदार घोषित किया है, जो जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और वियतनाम के साथ उसकी गठबंधन सूची में शामिल है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की प्राथमिकता हिंद महासागर में अपनी स्थिति को मजबूत करना है, और वह दक्षिण चीन सागर में सीधे टकराव से बच रहा है। फिर भी, यह साझेदारी क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
चीन ने इस अभ्यास पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, और बिना भारत का नाम लिए कहा है कि बाहरी देशों का हस्तक्षेप क्षेत्रीय शांति को कमजोर करता है। चीनी नौसेना के जहाजों ने संयुक्त अभ्यास के दौरान भारतीय और फिलीपीन नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखी। यह साझेदारी न केवल सैन्य सहयोग तक सीमित है, बल्कि दोनों देशों ने एक तरजीही व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement) पर भी बातचीत शुरू की है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार को 3.3 बिलियन डॉलर से और बढ़ाने की उम्मीद है। इसके अलावा, 2025 को भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने और भारतीय नागरिकों के लिए फिलीपींस में वीजा-मुक्त प्रवेश की घोषणा ने सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत किया है।
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