नई दिल्ली, 13 सितंबर 2025। India–Nepal Relations: भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामरिक संबंध सदियों पुराने हैं। नेपाल न केवल भारत का पड़ोसी देश है, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक और रक्षा क्षेत्रों में गहरा सहयोग है। 35 लाख नेपाली श्रमिक, 32 हजार गोरखा जवान और ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ की स्थिति भारत-नेपाल संबंधों की मजबूती को दर्शाती है। यह लेख इस बात पर प्रकाश डालता है कि नेपाल भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
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नेपाल भारत के उत्तरी सीमांत पर एक बफर स्टेट की भूमिका निभाता है। भारत-चीन सीमा के पास नेपाल की भौगोलिक स्थिति इसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है। नेपाल के साथ मजबूत संबंध भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाते हैं। 32,000 गोरखा जवानों की भारतीय सेना में मौजूदगी इस रिश्ते की गहराई को दर्शाती है। गोरखा सैनिक अपनी वीरता और निष्ठा के लिए प्रसिद्ध हैं और भारत की सैन्य शक्ति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

नेपाल भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। भारत ने नेपाल को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा दिया है, जिससे व्यापार और निवेश में सुगमता बढ़ती है। भारत नेपाल को बिजली, इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। नेपाल से 35 लाख श्रमिक भारत में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देते हैं। इसके अलावा, भारत नेपाल के लिए सबसे बड़ा निर्यातक देश है, जो नेपाल की आर्थिक स्थिरता में योगदान देता है।
भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक समानताएं, जैसे हिंदू और बौद्ध धर्म, दोनों देशों को जोड़ती हैं। पशुपतिनाथ मंदिर और लुंबिनी जैसे धार्मिक स्थल दोनों देशों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। खुली सीमा नीति के कारण दोनों देशों के नागरिक बिना वीजा के आवागमन कर सकते हैं, जो सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है।
हालांकि, सीमा विवाद और नेपाल के चीन के साथ बढ़ते संबंध भारत के लिए चुनौतियां पेश करते हैं। फिर भी, भारत की कूटनीतिक और आर्थिक पहल इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता है। नेपाल भारत के लिए सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है। गोरखा जवान, नेपाली श्रमिक और ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ की स्थिति इस रिश्ते की नींव हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए, बल्कि दक्षिण एशिया में शांति और समृद्धि के लिए भी जरूरी है।
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