नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025। भारत अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए व्यापक कदम उठा रहा है। इंडियन कोस्ट गार्ड ने समुद्र तटों की निगरानी को और प्रभावी बनाने के लिए रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए) और अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (यूएवी) की तैनाती का फैसला किया है। हाल ही में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने समुद्री सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ किया है, जिसके बाद तटवर्ती क्षेत्रों में सतर्कता को चरम स्तर पर ले जाया गया है।
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इस कदम का उद्देश्य अवैध गतिविधियों, जैसे तस्करी, घुसपैठ और मछली पकड़ने की अनधिकृत गतिविधियों पर नकेल कसना है।ऑपरेशन सिंदूर के तहत इंडियन कोस्ट गार्ड ने समुद्री मार्गों पर संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर कई सफल कार्रवाइयां की हैं। इस ऑपरेशन ने न केवल तस्करी और अवैध मछली पकड़ने जैसे अपराधों पर अंकुश लगाया, बल्कि समुद्री सीमाओं पर संभावित खतरों की निगरानी के लिए नई तकनीकों के उपयोग को भी बढ़ावा दिया। अब कोस्ट गार्ड ड्रोन-आधारित निगरानी प्रणाली को अपनाने जा रहा है, जिसमें उन्नत आरपीए और यूएवी शामिल हैं।
ये ड्रोन न केवल दिन-रात निगरानी करने में सक्षम हैं, बल्कि वास्तविक समय में डेटा और उच्च-रिजॉल्यूशन इमेजरी प्रदान कर सकते हैं। इंडियन कोस्ट गार्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन ड्रोन्स की तैनाती से समुद्री सीमाओं पर नजर रखना आसान होगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक निगरानी चुनौतीपूर्ण है। इन ड्रोन्स में सेंसर और थर्मल इमेजिंग कैमरे लगे होंगे, जो रात के समय और खराब मौसम में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं।
इसके अलावा, ये ड्रोन समुद्र में संदिग्ध जहाजों की गतिविधियों को ट्रैक करने और तटवर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अपनी समुद्री सुरक्षा रणनीति को और आधुनिक बनाने का फैसला किया है। इस रणनीति के तहत न केवल ड्रोन की तैनाती होगी, बल्कि कोस्ट गार्ड के जहाजों और निगरानी केंद्रों को भी तकनीकी रूप से उन्नत किया जाएगा। भारत के विशाल समुद्र तट, जो लगभग 7,500 किलोमीटर तक फैला है, की सुरक्षा के लिए यह कदम अहम साबित होगा।
विशेष रूप से लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार और गुजरात जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी को और सघन किया जाएगा। इस पहल से भारत न केवल अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और समुद्री व्यापार की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। इंडियन कोस्ट गार्ड की यह रणनीति पड़ोसी देशों को भी यह संदेश देती है कि भारत अपनी समुद्री संप्रभुता को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।
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