नई दिल्ली, 3 अक्टूबर 2025। India-China Relations: सीमा विवाद और महामारी के बाद लंबे समय से ठप पड़ी भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से हवा भरने वाली हैं। गुरुवार को केंद्र सरकार ने इसकी औपचारिक घोषणा की, जिसमें कहा गया कि अक्टूबर 2025 के अंत तक ये सेवाएं बहाल हो सकती हैं। प्रमुख एयरलाइन इंडिगो ने तो स्पष्ट तारीख भी तय कर दी है। 26 अक्टूबर से दिल्ली और कोलकाता से चीन के गुआंगझौ के लिए डेली नॉन-स्टॉप फ्लाइट्स शुरू होंगी।
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टिकट बुकिंग शुक्रवार (3 अक्टूबर) से इंडिगो की वेबसाइट और ऐप पर उपलब्ध हो जाएगी। यह कदम दोनों देशों के बीच धीरे-धीरे सामान्य हो रहे संबंधों का प्रतीक है, जो न केवल व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि लोगों-से-लोगों के आदान-प्रदान को भी मजबूत करेगा, लेकिन इस फैसले का असर वैश्विक पटल पर भी पड़ेगा। अमेरिका को यह साफ संकेत है कि भारत चीन के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत कर रहा है, जबकि पाकिस्तान की चिंता बढ़ा रहा है, जो हाल में चीन से दूरी बनाकर अमेरिका की ओर रुख कर रहा है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, इस साल जनवरी से ही दोनों देशों के नागरिक उड्डयन अधिकारी लगातार चर्चा में जुटे थे। यह प्रक्रिया भारत-चीन संबंधों को ‘धीरे-धीरे सामान्य’ करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा थी। बातचीत का केंद्र था सीधी हवाई सेवाओं का बहाल होना और एक नया हवाई सेवा समझौता। मंत्रालय ने कहा, “चर्चाओं के बाद सहमति बनी है कि अक्टूबर 2025 के अंत तक निर्धारित रूट्स पर फ्लाइट्स फिर शुरू हो सकती हैं।” हालांकि, यह एयरलाइंस के व्यावसायिक निर्णयों, सर्दियों के शेड्यूल और सभी नियामक मंजूरियों पर निर्भर करेगा।
MEA ने जोर दिया कि यह कदम द्विपक्षीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा, जो सीमा गतिरोध के बाद ठंडे पड़े संबंधों को गर्माहट देगा।इंडिगो के प्रवक्ता ने बताया कि कोलकाता-गुआंगझौ और दिल्ली-गुआंगझौ रूट्स पर रोजाना उड़ानें भरी जाएंगी। यात्रियों के लिए यह सुविधा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि महामारी के दौरान ये फ्लाइट्स पूरी तरह बंद हो गई थीं। तब भारतीयों को हांगकांग या सिंगापुर जैसे हब्स से कनेक्टिंग फ्लाइट्स लेनी पड़ती थीं, जो समय और खर्च दोनों बढ़ा देती थीं। 2020 की गलवान घाटी झड़पों ने तो संबंधों को और खराब कर दिया था। उससे पहले एयर इंडिया, इंडिगो जैसी भारतीय कंपनियां और चाइना सदर्न जैसी चीनी एयरलाइंस नियमित रूप से उड़ानें भरती थीं।
अब बहाली से न केवल व्यापारिक यात्राएं आसान होंगी, बल्कि पर्यटन, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति को मजबूत करेगा, खासकर जब चीन के साथ सीमा मुद्दे सुलझाने की दिशा में सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। इस फैसले का वैश्विक संदर्भ भी कम रोचक नहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मनमाने टैरिफ और व्यापार युद्ध ने भारत-चीन दोनों को प्रभावित किया है। ट्रंप की नीतियां चीन को निशाना बनाती रहीं, लेकिन अब भारत का चीन से करीब आना वॉशिंगटन के लिए चेतावनी है।
भारत ने अमेरिका के साथ क्वाड और आई2यू2 जैसे गठबंधनों को मजबूत किया है, लेकिन आर्थिक रूप से चीन का बाजार अनदेखा नहीं किया जा सकता। 2024-25 में भारत-चीन व्यापार 100 अरब डॉलर को पार कर चुका है, और फ्लाइट्स बहाल होने से यह और तेजी पकड़ेगा। दूसरी ओर, पाकिस्तान की बेचैनी स्वाभाविक है। सीपीईसी (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) पर निर्भर पाकिस्तान ने हाल में चीन से दूरी बनाई है और अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया है।
भारत-चीन की नजदीकी उसके ‘आल वेदर फ्रेंड’ चीन को प्रभावित करेगी, जो इस्लामाबाद के लिए खतरे की घंटी है।कुल मिलाकर, यह हवाई संपर्क बहाली एक रणनीतिक कदम है, जो आर्थिक सुधार के साथ-साथ कूटनीतिक संतुलन साधेगा। यात्रियों के लिए सस्ती और तेज यात्रा का वरदान, जबकि भू-राजनीति में नया अध्याय। क्या यह संबंधों को पूरी तरह सामान्य कर पाएगा? आने वाले महीनों में साफ होगा।
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