लखनऊ, 2 अक्टूबर 2025। Ravan Dahan: विजयादशमी का पावन पर्व 2025 में 2 अक्टूबर को पूरे उत्तर प्रदेश में मनाया गया, लेकिन कई जिलों में अचानक हुई झमाझम बारिश ने रावण दहन के उत्साह को फीका कर दिया। मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बावजूद पूर्वी और मध्य यूपी के जिलों में भारी वर्षा ने रामलीला आयोजनों को बाधित कर दिया। नोएडा, कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, जौनपुर और संभल जैसे जिलों में रावण, कुम्भकर्ण व मेघनाद के विशाल पुतले भीग गए, जिससे दहन कार्यक्रम स्थगित हो गए या आंशिक रूप से प्रभावित रहे।
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जौनपुर में रावण का पुतला बारिश की चपेट में आकर गिर पड़ा, जबकि संभल में पुतलों को भारी क्षति पहुंची। महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच और लखीमपुर खीरी में भी अलर्ट के कारण आयोजक सतर्क रहे, और कई जगहों पर कार्यक्रम शाम तक टाल दिए गए। दर्शकों को भीगने और भीड़भाड़ में परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे पारंपरिक शोभा यात्राएं और आतिशबाजी प्रभावित हुईं। हालांकि, बारिश के बावजूद कई जिलों में उत्साह की कोई कमी नहीं रही।
लखनऊ में हजरतगंज मैदान पर 50 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुआ, जहां हजारों लोग “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठे। कुशीनगर के पडरौना में राज्यसभा सांसद आरपीएन सिंह मुख्य अतिथि बने, और रामलीला मैदान में धूमधाम से दहन किया गया। श्रावस्ती में ऑरेंज अलर्ट के बावजूद कार्यक्रम सुचारू रूप से चला, जहां स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए।
सुल्तानपुर और गाजियाबाद में भी पुतलों का दहन बड़े जोश के साथ हुआ, जिसमें बीजेपी सांसदों और पूर्व मंत्रियों ने भाग लिया। वाराणसी की काशी में 40 फीट के रावण का दहन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने किया, हालांकि बारिश ने पुतले की हालत खराब कर दी, लेकिन कारीगरों ने इसे फिर से खड़ा कर उत्सव को सफल बनाया। अयोध्या में राम मंदिर के पास शोभायात्रा के साथ दहन हुआ, जो भक्ति भाव से सराबोर रहा। फर्रुखाबाद के क्रिश्चियन इंटर कॉलेज मैदान, अमरोहा के जे.एस. कॉलेज, प्रयागराज के ककरहा घाट और चित्रकूट के धुस मैदान में भी 15 से 35 फीट ऊंचे पुतलों का दहन हुआ। इन आयोजनों में जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और हजारों दर्शकों की मौजूदगी रही।
अमरोहा में 1200 पुलिसकर्मियों और ड्रोन निगरानी से सुरक्षा सुनिश्चित की गई। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश ने कई जगहों पर चुनौतियां पैदा कीं। फिर भी, यूपीवासियों का उत्साह अटल रहा। पुलिस ने सभी स्थानों पर ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी रखी, ताकि शांतिपूर्ण आयोजन हो। दशहरा न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बना।