लखनऊ, 13 अक्टूबर 2025। IAS Roshan Jacob: उत्तर प्रदेश में नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। आईएएस रोशन जैकब, जो FSDA की आयुक्त हैं, की सख्ती के चलते कोडीन युक्त कफ सिरप और अन्य नॉरकोटिक्स औषधियों का काला धंधा सामने आया। रविवार को रोशन जैकब के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने लखनऊ, सीतापुर और रायबरेली में एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें भारी अनियमितताएं पकड़ी गईं।
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इस कार्रवाई से दवा कारोबारियों में हड़कंप मच गया, और कई फर्मों के संचालक मौके से फरार हो गए। यह मुद्दा हाल ही में लखनऊ और आसपास के जिलों में कोडीन सिरप की अवैध सप्लाई से जुड़ा है, जो नशे के रूप में युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया है। रोशन जैकब को इसकी सूचना मिलते ही उन्होंने सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार के नेतृत्व में 13 औषधि निरीक्षकों वाली टीम तैयार की, जिसमें वैभव बब्बर, संदेश मौर्य, विवेक कुमार सिंह जैसे अधिकारी शामिल थे।

टीम ने ट्रांसपोर्ट नगर (लखनऊ) में एम/एस इधिका लाइफसाइंसेज और एम/एस आरपिक फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के तीन ठिकानों पर दबिश दी। यहां नॉरकोटिक्स दवाओं का भंडारण अत्यंत खराब स्थिति में पाया गया, और रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर हेराफेरी के सबूत मिले। फर्मों ने पूरे लॉट का कोडीन सिरप एक ही पार्टी को बेचा, जिसे बाद में विभिन्न जिलों में अवैध रूप से वितरित किया गया। सभी संबंधित अभिलेख जब्त कर लिए गए।
सीतापुर के एम/एस नैमिस धाम मेडिकल स्टोर पर छापे में पाया गया कि फर्म ने एम/एस इधिका लाइफसाइंसेज से 2600 बोतल कोडीन कफ सिरप खरीदा था, लेकिन बिक्री रिकॉर्ड में केवल 1000 बोतलें ही दर्ज की गईं। इस गंभीर उल्लंघन पर स्टोर को तत्काल सील कर दिया गया और स्थानीय थाने को सूचना दे दी गई। लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में एम/एस नोवॉन लाइफसाइंसेज बंद मिली, जहां स्थानीय लोगों ने बताया कि दुकान कई दिनों से खाली पड़ी है।
प्रोप्राइटर ने फोन पर स्वीकार किया कि उनके पास इधिका से खरीदा कोडीन सिरप है और एक दिन में सभी बिल जमा करने का वादा किया। जांच में पुरानी फर्मों का कनेक्शन भी उजागर हुआ। एम/एस शुभाष मेडिकल एजेंसी (राजाजीपुरम, लखनऊ) ने इधिका से खरीदी दवाओं को एम/एस बालाजी मेडिकल स्टोर को बेचा, जो आगे एम/एस श्याम मेडिकल एजेंसी को ट्रांसफर हुई। श्याम एजेंसी का लाइसेंस पहले ही नॉरकोटिक्स की अवैध बिक्री के कारण रद्द हो चुका था।
FSDA ने स्पष्ट किया कि नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने की कार्रवाई जारी रहेगी, और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। रोशन जैकब की इस पहल से न केवल अवैध सप्लाई पर ब्रेक लगा, बल्कि भविष्य में सख्त निगरानी की उम्मीद जगी है। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन जब्त दस्तावेजों से और खुलासे हो सकते हैं। यह कार्रवाई नशे के खिलाफ यूपी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।








