नई दिल्ली, 29 सितंबर 2025। Hypertension Signs In Eyes: हाई ब्लड प्रेशर, जिसे चिकित्सकीय भाषा में हाइपरटेंशन और आम बोलचाल में “साइलेंट किलर” कहा जाता है, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। यह बीमारी शुरुआत में स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाती, लेकिन समय के साथ यह शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। क्या आप जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर का पहला संकेत देने वाला अंग हमारी आंखें हैं? आंखों की रेटिना में होने वाले बदलाव न केवल हाइपरटेंशन की मौजूदगी का पता लगाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि यह बीमारी शरीर के अन्य हिस्सों को कितना प्रभावित कर चुकी है।
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आंखों से कैसे पता चलता है हाइपरटेंशन?
आंखों की रेटिना में मौजूद छोटी रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेसल्स) बेहद संवेदनशील होती हैं और ब्लड प्रेशर में मामूली बदलाव को भी दर्शाती हैं। जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो रेटिना की रक्त वाहिकाएं सख्त और संकरी होने लगती हैं, जो आंखों की जांच के दौरान स्पष्ट दिखाई देता है। यह बदलाव हाइपरटेंशन की गंभीरता और इसके शरीर पर प्रभाव का आकलन करने में मदद करता है। नेत्र चिकित्सक रेटिना की जांच के जरिए यह बता सकते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर ने कितना नुकसान पहुंचाया है।
आंखों को होने वाला नुकसान
लंबे समय तक अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर रेटिना को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिसे ‘हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी’ कहा जाता है। इस स्थिति में रेटिना की धमनियां मोटी और सख्त हो जाती हैं। समय के साथ इन धमनियों के आसपास ‘सिल्वर वायरिंग’ जैसा प्रभाव दिखाई देता है। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो धमनियां रक्त प्रवाह को बाधित करती हैं, जिसे ‘आर्टीरियोवेनस निकिंग’ कहते हैं। इससे रेटिनल वेन ऑक्लूजन, रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन, मैलिग्नेंट हाइपरटेंशन और रेटिना में सूजन या तरल रिसाव जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। इनका असर दृष्टि पर पड़ता है और लंबे समय तक अनदेखी करने पर आंखों की रोशनी तक जा सकती है। हाइपरटेंशन का प्रभाव केवल आंखों तक सीमित नहीं रहता; यह हृदय और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है।
डॉक्टरों की सलाह
नई दिल्ली के रोहिणी स्थित एक निजी अस्पताल के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रामचंद्र सिंह कहते हैं, “हाई ब्लड प्रेशर का असर सिर्फ हृदय और किडनी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आंखों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। हाइपरटेंशन के मरीजों को नियमित रूप से आंखों की जांच करानी चाहिए ताकि समय रहते नुकसान को रोका जा सके।” डॉक्टरों का कहना है कि नियमित जांच और समय पर उपचार से न केवल आंखों को बचाया जा सकता है, बल्कि हाइपरटेंशन के अन्य जोखिमों को भी कम किया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन शामिल हैं। साथ ही, समय-समय पर नेत्र जांच और चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है। यह न केवल आंखों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि इस “साइलेंट किलर” के खतरों से भी बचाव करता है।
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