वाराणसी, 11 सितंबर 2025। 11 सितंबर 2025 को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगूलाम के बीच हुई ऐतिहासिक द्विपक्षीय बैठक में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। यह बैठक भारत और मॉरीशस के बीच ‘उन्नत रणनीतिक साझेदारी’ को और मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई।
दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। नीचे 10 प्रमुख बिंदुओं में समझौतों के परिणामों को समझें।सामुदायिक विकास परियोजनाएं: दोनों देशों ने 500 मिलियन रुपये की छोटी विकास परियोजनाओं (एसडीपी) के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो मॉरीशस में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा।
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ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग: ऊर्जा सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा पर एक एमओयू साइन किया गया, जिसमें सौर और पवन ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, और डिजिटल ऊर्जा प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
समुद्री विज्ञान में शोध: भारत के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और मॉरीशस समुद्र विज्ञान संस्थान के बीच संयुक्त अनुसंधान और समुद्री प्रौद्योगिकी में सहयोग का समझौता हुआ।
Addressing the press meet with PM Dr. Navinchandra Ramgoolam of Mauritius.@Ramgoolam_Dr
https://t.co/UC4Ly08nDY— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2025
स्थानीय मुद्रा में व्यापार: दोनों देशों ने स्थानीय मुद्रा में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे व्यापारिक लेनदेन आसान होगा।
शिक्षा और प्रशिक्षण: मॉरीशस के युवाओं के लिए भारत में तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाने पर सहमति बनी।
डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा: डिजिटल इंडिया की तर्ज पर मॉरीशस में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए सहयोग बढ़ेगा।
स्वास्थ्य सहयोग: दोनों देश स्वास्थ्य सेवाओं, विशेष रूप से टेलीमेडिसिन और दवा आपूर्ति में सहयोग बढ़ाएंगे, ताकि मॉरीशस में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हों।
नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनमी): हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग और संरक्षण पर जोर दिया गया।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान: मॉरीशस के पीएम ने गंगा आरती और काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया, जो दोनों देशों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक बंधनों को दर्शाता है।
क्षमता निर्माण: भारत मॉरीशस के सिविल सेवकों और तकनीकी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का विस्तार करेगा।
यह बैठक मार्च 2025 में पीएम मोदी के मॉरीशस दौरे के बाद हुई, जब दोनों देशों ने अपनी साझेदारी को ‘उन्नत रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया था। वाराणसी में हुई इस बैठक ने भारत के ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘महासागर विजन’ नीति में मॉरीशस की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
मॉरीशस के पीएम रामगूलाम 9 से 16 सितंबर तक भारत दौरे पर हैं। वाराणसी के बाद वे अयोध्या, मुंबई और तिरुपति का दौरा करेंगे। इस मुलाकात में पीएम मोदी ने कहा, “भारत और मॉरीशस दो देश हैं, लेकिन हमारे सपने एक हैं।” यह बयान दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाता है।
इन समझौतों से मॉरीशस में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, जबकि भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में एक मजबूत साझेदार मिलेगा। दोनों देशों ने वैश्विक दक्षिण के हितों को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi का वाराणसी पहुंचने पर वहां उपस्थित जनसमूह ने पुष्पवर्षा करके, अभूतपूर्व उत्साह और गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। pic.twitter.com/IbK5qwKCiz
— BJP (@BJP4India) September 11, 2025
वाराणसी की यह बैठक न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण रही, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक बंधनों को भी गहरा करने में सफल रही।शब्द संख्या: 500
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