छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा और कृषि परंपराओं से जुड़े प्रमुख लोकपर्व हरेली तिहार को आज मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक और उल्लासपूर्ण वातावरण में मनाया गया। छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष आयोजन में राज्य के विभिन्न अंचलों से आए लोक कलाकारों ने लोकजीवन की विविध छवियों को मंच पर जीवंत कर दिया।
इस सांस्कृतिक आयोजन में गेड़ी नृत्य, राउत नाचा जैसे पारंपरिक लोकनृत्य दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे, वहीं सावन झूला और सवनाही रामायण पाठ ने सावन की फुहारों के बीच उत्सव की रंगत को और भी गहरा कर दिया। कार्यक्रम केवल एक पर्व नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की परंपरा, प्रकृति और प्रगति का संगम बना।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में शामिल होकर कृषि यंत्रों और औजारों की पूजा की, जो हरेली पर्व की सदियों पुरानी परंपरा रही है। इस अवसर पर पारंपरिक से लेकर आधुनिक कृषि उपकरणों की एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिससे नई पीढ़ी को छत्तीसगढ़ की कृषि विरासत और यांत्रिक विकास की जानकारी मिली।
कार्यक्रम में बच्चों के लिए पारंपरिक खेल, लोककला प्रदर्शनी और पर्यावरण जागरूकता से जुड़े कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “हरेली केवल खेती और हरियाली का नहीं, बल्कि हमारे लोकजीवन और सहअस्तित्व का उत्सव है। हमारी सरकार इस सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मुख्यमंत्री निवास में हुआ यह आयोजन छत्तीसगढ़ की ग्रामीण लोकसंस्कृति को न केवल संरक्षित करने की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि उसे जनजीवन के केंद्र में लाने की प्रेरक पहल भी है।