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GST 2.0: मिडिल क्लास को दीवाली से पहले तोहफा, छोटी कारें आज से सस्ती, जानें कितनी होगी बचत

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GST 2.0

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नई दिल्ली, 22 सितंबर 2025। GST 2.0: भारत में जीएसटी व्यवस्था के आठ साल पूरे होने पर सरकार ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। जीएसटी 2.0 के तहत चार स्लैब (0%, 5%, 18% और 40%) में बदलाव करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 सितंबर 2025 से नए नियम लागू करने की घोषणा की। यह बदलाव खासतौर पर मिडिल क्लास के लिए राहत लेकर आया है, जहां छोटी कारें, घरेलू सामान और दैनिक जरूरतों पर टैक्स कम हो गया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “जीएसटी बचत उत्सव” करार देते हुए कहा कि इससे घरों, किसानों, दुकानदारों और कारोबारियों की बचत बढ़ेगी, जो भारत की विकास यात्रा को गति देगा। ऑटोमोबाइल सेक्टर में यह बदलाव सबसे ज्यादा चर्चा में है। पहले छोटी कारों (इंजन 1200cc से कम पेट्रोल या 1500cc से कम डीजल, लंबाई 4 मीटर से कम) पर 28% जीएसटी प्लस 1-15% कम्पेंसेशन सेस लगता था, जो कुल 29-43% तक पहुंच जाता था। अब सेस हटाकर फ्लैट 18% जीएसटी लागू हो गया है, जिससे ये कारें 10-15% सस्ती हो गईं।

उदाहरण के लिए, टाटा पंच, मारुति स्विफ्ट या महिंद्रा XUV 3XO जैसी पॉपुलर छोटी कारों पर औसतन 65,000 से 1.3 लाख रुपये की बचत होगी। मारुति सुजुकी ने अल्टो K10, स्विफ्ट, डिजायर, बलेनो और ग्रैंड विटारा पर 1 लाख तक की कटौती की है। टाटा मोटर्स ने नेक्सॉन, हैरियर और सफारी पर 1 लाख से ज्यादा छूट दी, जबकि किआ, फॉक्सवैगन, स्कॉडा, जीप और टोयोटा ने 3 लाख तक की बचत का ऐलान किया। लग्जरी कारों जैसे मर्सिडीज-बेंज या लैंड रोवर पर भी 30 लाख तक की राहत मिलेगी।

हालांकि, हाइब्रिड कारें (बड़ी) और 350cc से ऊपर बाइक्स पर 40% टैक्स बढ़ा, जो पर्यावरण अनुकूल वाहनों को प्रोत्साहन न देने की आलोचना का विषय बना।मिडिल क्लास को व्यापक राहत मिलेगी। घरेलू सामान जैसे साबुन, टूथपेस्ट, शैंपू, बाल तेल (18% से 5%), रसोई के बर्तन, छाता, साइकिल और बांस का फर्नीचर (12% से 5%) सस्ते होंगे। अमूल ने 400 से ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे घी, पनीर, बटर और चॉकलेट पर कीमतें घटाईं।

स्वास्थ्य बीमा, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम टैक्स-फ्री हो गए। बच्चों के स्कूल सामान जैसे नोटबुक, पेंसिल, इरेजर पर 0% जीएसटी लगेगा। निर्माण सामग्री जैसे संगमरमर, ग्रेनाइट और ईंटें सस्ती होंगी। इससे मासिक खर्च में 5-10% की बचत संभव है।विपक्ष ने इसे स्वागतयोग्य बताया, लेकिन कुछ ने कहा कि पेट्रोलियम GST के बाहर रहने से असली राहत सीमित है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इससे जीडीपी ग्रोथ 0.7-0.8% बढ़ेगी और फेस्टिव सीजन में कार बिक्री 20% उछलेगी।

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में ये फैसले लिए गए, जो आम आदमी को फोकस करते हैं। मिडिल क्लास के लिए यह बजट से पहले बड़ा तोहफा है, जहां 12 लाख तक आय टैक्स-फ्री है। अब उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। कुल मिलाकर, जीएसटी 2.0 से जेब ढीली होगी, लेकिन सिन गुड्स जैसे सिगरेट, तंबाकू (40%) महंगे रहेंगे।

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