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Gangster Act: बाहुबली विजय मिश्रा के भतीजे सतीश पर शिकंजा, 36.68 लाख की लग्जरी कार कुर्क

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बाहुबली विजय मिश्रा के भतीजे सतीश पर शिकंजा

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भदोही, 9 नवंबर 2025। Gangster Act: पूर्वांचल के कुख्यात बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के परिवार पर योगी सरकार की कार्रवाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। भदोही प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट के तहत उनके भतीजे सतीश मिश्रा की 36.68 लाख रुपये की लग्जरी मर्सडीज बेंज कार को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है। यह कदम अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो मिश्रा गैंग के आर्थिक साम्राज्य को कमजोर करने का प्रयास दर्शाता है।

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जिला मजिस्ट्रेट शैलेश कुमार के निर्देश पर संयुक्त टीम जल्द ही कार को जब्त कर लेगी, जिससे सतीश की मुश्किलें और गहरी हो जाएंगी। सतीश मिश्रा, जो विजय मिश्रा के बड़े भाई के बेटे हैं, लंबे समय से गैंग के सक्रिय सदस्य के रूप में कुख्यात रहे हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि यह कार अपराध की कमाई से खरीदी गई थी। गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत यह कार्रवाई की गई, जो अपराधियों की संपत्ति को सीधे राज्य के हवाले करने का प्रावधान करती है।

सतीश पर पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी शामिल हैं। विजय मिश्रा के खिलाफ कुल 83 मुकदमे चल रहे हैं, जिसमें हत्या, बलात्कार और जालसाजी जैसे गंभीर आरोप हैं। हाल ही में एक रेप केस में उन्हें 15 साल की सजा भी सुनाई गई, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद आया।

यह कार्रवाई पिछले कुछ वर्षों में मिश्रा परिवार पर की गई अन्य कार्रवाइयों की कड़ी का हिस्सा है। 2023 में सतीश की पत्नी वैशाली मिश्रा के नाम पर रजिस्टर्ड थार गाड़ी को कुर्क करने का आदेश आया था, लेकिन उसे सौंपने में देरी पर उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई।

इसी तरह, विजय मिश्रा की बेटी सीमा, भतीजे मनीष और करीबी हनुमान सेवक पांडे की करोड़ों रुपये की संपत्तियां जैसे प्रयागराज में फ्लैट्स, दिल्ली में प्रॉपर्टी और आगरा में जमीन कुर्क हो चुकी हैं। मार्च 2024 में 113 करोड़ की तीन अचल संपत्तियां जब्त की गईं, जबकि अक्टूबर 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में 12.54 करोड़ की चार प्रॉपर्टीज सीज कर लीं।

ED की जांच में खुलासा हुआ कि परिवार ने संपत्तियां रिश्तेदारों के नाम पर हस्तांतरित कर छिपाने की कोशिश की थी। विजय मिश्रा, जो 1980 के दशक से पूर्वांचल में अपना दबदबा कायम रखे हुए थे, मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने भदोही की ज्ञानपुर सीट से चार बार विधायक रहने के साथ-साथ कालीन उद्योग में निवेश कर साम्राज्य खड़ा किया। लेकिन अपराध की दुनिया में उनका नाम अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे माफिया डॉनों के साथ जोड़ा जाता रहा। 2019 में BBC की रिपोर्ट में उन्हें ‘पूर्वांचल का बाहुबली’ कहा गया, जब मायावती सरकार ने उन्हें पकड़ने के लिए स्पेशल फोर्स तैनात की थी।

योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद से मिश्रा गैंग पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है, जिससे पूर्वांचल में माफिया राज का अंत होता दिख रहा है। प्रशासन का यह एक्शन न केवल अपराधियों को आर्थिक रूप से कमजोर करेगा, बल्कि आम जनता को भी संदेश देगा कि कानून के सामने कोई बचेगा नहीं।

भदोही एसपी मीनाक्षी कात्यायन ने कहा, “हम अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त कर राज्य कोष में जमा करेंगे, ताकि इसका लाभ विकास कार्यों में हो।” सतीश मिश्रा को नोटिस जारी कर दिया गया है, और कुर्की प्रक्रिया अगले 48 घंटों में पूरी हो जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कार्रवाइयां पूर्वांचल को अपराध मुक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होंगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह गैंग का अंत है या नई शुरुआत? समय ही बताएगा।

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