Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्मोत्सव का पर्व, 27 अगस्त 2025 को पूरे भारत में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 26 अगस्त 2025 को दोपहर 1:54 बजे शुरू होकर 27 अगस्त को दोपहर 3:44 बजे समाप्त होगी। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता और सुख-समृद्धि के दाता के रूप में पूजा जाता है। इस दिन भक्त अपने घरों और पंडालों में गणेश मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर 2025) को विसर्जन करते हैं।
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गणपति स्थापना का सही समय
गणेश मूर्ति स्थापना के लिए सबसे शुभ समय मध्याह्न काल है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म इस समय हुआ था। 27 अगस्त 2025 को मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक रहेगा। कुछ भक्त मूर्ति को एक दिन पहले, 26 अगस्त को, हरतालिका तीज के दौरान शुभ चौघड़िया में भी घर ला सकते हैं। इस दौरान सुबह 5:40 से 9:00 बजे और दोपहर 11:05 से 1:40 बजे का समय भी शुभ माना गया है। चंद्र दर्शन से बचना चाहिए, क्योंकि यह मिथ्या दोष का कारण बन सकता है।
मूर्ति स्थापना और पूजा विधि
गणपति मूर्ति घर लाने से पहले घर को साफ करें और गंगा जल छिड़कें। मूर्ति को लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करें, और पूजा स्थल को फूलों और रंगोली से सजाएं। मूर्ति स्थापना के दौरान ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें। मोदक, दूर्वा, फूल, नारियल और अगरबत्ती अर्पित करें। शोडशोपचार पूजा, जिसमें 16 प्रकार की भेंट चढ़ाई जाती है, विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। पर्यावरण के लिए मिट्टी की मूर्ति चुनें।
पर्यावरण और उत्सव का संदेश
गणेश चतुर्थी भक्ति के साथ-साथ एकता और सकारात्मकता का संदेश देती है। भक्तों को इको-फ्रेंडली मूर्तियों का चयन करना चाहिए ताकि विसर्जन के दौरान पर्यावरण को नुकसान न हो। यह पर्व नए शुरूआत, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक है।
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