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 यूपी में स्वतंत्रता सेनानी कोटा घोटाला, 79 में से 64 MBBS छात्रों के दाखिले रद्द

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MBBS

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  लखनऊ, 30 अगस्त 2025।  उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानी कोटे के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसके तहत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर MBBS दाखिलों में धोखाधड़ी की गई। इस मामले में, कुल 79 छात्रों में से 64 के दाखिले रद्द कर दिए गए हैं, क्योंकि उनके द्वारा जमा किए गए स्वतंत्रता सेनानी आश्रित प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए।

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यह घोटाला फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज सहित राज्य के कई अन्य मेडिकल कॉलेजों में सामने आया है, जिसने प्रशासन और शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया है। जांच के दौरान पता चला कि कई छात्रों ने NEET में कम अंक होने के बावजूद स्वतंत्रता सेनानी कोटे का लाभ उठाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए। इनमें से कुछ छात्रों ने स्वयं को स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों के रूप में पेश किया, जबकि उनके दस्तावेजों में डीएम के फर्जी हस्ताक्षर और जाली प्रमाणपत्र शामिल थे।

जिला प्रशासन और साइबर क्राइम सेल की सख्ती के बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। फिरोजाबाद पुलिस ने एक छात्रा के खिलाफ नाई की मंडी थाने में मुकदमा दर्ज किया, जो अनुसूचित जाति से थी, लेकिन उसने स्वतंत्रता सेनानी सरोज रानी गौरिहार की पोती होने का दावा कर फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था।

प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानी कोटे के तहत MBBS में 3 सीटें आरक्षित हैं, जो स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों और कुछ मामलों में उनके नाती-पोतों के लिए होती हैं। हालांकि, जांच में पाया गया कि कई उम्मीदवारों ने इस कोटे का दुरुपयोग किया। सत्यापन प्रक्रिया में प्रमाणपत्रों की गहन जांच के बाद, 64 छात्रों के दस्तावेज फर्जी पाए गए, जिसके चलते उनके दाखिले तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए। शेष 15 उम्मीदवारों के दस्तावेजों की जांच अभी भी जारी है।

पुलिस और शिक्षा विभाग ने इस घोटाले के पीछे एक बड़े रैकेट की आशंका जताई है, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करने में शामिल हो सकता है। साइबर क्राइम सेल ने इस मामले में कई संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जेल और जुर्माना शामिल हो सकता है। इस घटना ने स्वतंत्रता सेनानी कोटे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं और भविष्य में सख्त सत्यापन प्रक्रिया लागू करने की मांग को बल दिया है।

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