नई दिल्ली, 30 अगस्त 2025। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में राजस्थान विधानसभा से पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए आवेदन किया है। धनखड़ 1993 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से विधायक चुने गए थे। राजस्थान में लागू दोहरी-तिहरी पेंशन व्यवस्था के तहत, उन्हें बतौर पूर्व विधायक लगभग 42,000 रुपये मासिक पेंशन मिलने की संभावना है। इसके अलावा, पूर्व उपराष्ट्रपति के रूप में भी उन्हें 2 लाख रुपये से अधिक की मासिक पेंशन, टाइप-8 सरकारी बंगला, मुफ्त हवाई और रेल यात्रा, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं, और दो निजी सहायकों जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
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धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जो संसद के मानसून सत्र के पहले दिन हुआ। उनके इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी, क्योंकि यह अचानक और अप्रत्याशित था। उन्होंने अपने इस्तीफे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित करते हुए लिखा कि वह स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। इस्तीफे के बाद से धनखड़ सार्वजनिक मंचों से गायब रहे और किसी भी कार्यक्रम में नजर नहीं आए।
हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने उनके इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों से इतर अन्य वजहों की अटकलें लगाईं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे “रहस्यमयी” करार दिया, जबकि कुछ ने उनके और सरकार के बीच मतभेदों की बात कही। विशेष रूप से, धनखड़ द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करना सरकार को रास नहीं आया था।
धनखड़ की पेंशन आवेदन की खबर ने एक बार फिर उनके राजनीतिक करियर पर ध्यान खींचा है। वह पहले जनता दल, कांग्रेस, और बाद में बीजेपी से जुड़े रहे। 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल भी विवादों से भरा रहा, खासकर ममता बनर्जी सरकार के साथ उनके टकराव के कारण। अब, पेंशन आवेदन के साथ, धनखड़ अपनी सेवानिवृत्ति के बाद की सुविधाओं को सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
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