लखनऊ, 8 अगस्त 20 25। Flood in UP: उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। चित्रकूट और औरैया में बाढ़ के कारण चार लोगों की जान चली गई, जबकि कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है। चित्रकूट में मंदाकिनी और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से रामघाट और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
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मंदाकिनी का पानी दुकानों और मंदिरों तक पहुंच गया है, जिससे व्यापारियों को दुकानें बंद करनी पड़ीं और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है। जिले में लगातार 24 घंटे से अधिक समय तक हुई बारिश ने 50 से अधिक गांवों को जलमग्न कर दिया, और करीब 100 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एक दुखद घटना में, भारी बारिश के कारण कच्चा मकान ढहने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई।
औरैया में भी यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सेंगुर नदी के उफान ने आसपास की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, और कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिले के चिमकुनी क्षेत्र में फसलों के जलमग्न होने से किसान परेशान हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों जैसे जुहीखा, असेवा, फरिहा और बीझलपुर में राहत कार्य शुरू किए गए हैं, और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
कानपुर में गंगा नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। गंगा बैराज पर जलस्तर 114.64 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु 113 मीटर से काफी ऊपर है। बैराज के सभी 30 गेट खोल दिए गए हैं, लेकिन तेज बहाव के कारण शिवदिन, कटरी, शंकरपुर और बनियापुरवा जैसे गांवों में पानी घुस गया है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं।
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 41 बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं, जिनमें से कई को सक्रिय कर दिया गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रभावित इलाकों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
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