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कानपुर और फर्रुखाबाद में गंगा का रौद्र रूप, राहत कार्य तेज
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607 गांव जलमग्न, यूपी सरकार ने शुरू की व्यापक बचाव और राहत योजनाएं
लखनऊ, 3 सितंबर 2025। Flood havoc in UP: उत्तर प्रदेश में लगातार भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, जिसने 22 जिलों के 607 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। गंगा, यमुना, शारदा, घाघरा और रामगंगा जैसी प्रमुख नदियों के जलस्तर में खतरनाक वृद्धि ने 1,41,169 लोगों को बेघर कर दिया है।
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विशेष रूप से कानपुर और फर्रुखाबाद में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे तटवर्ती इलाकों में भारी तबाही मची है। मंगलवार को कानपुर बैराज से 3,84,939 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस मानसून सीजन में दूसरी बार इतनी बड़ी मात्रा में पानी डाउनस्ट्रीम की ओर भेजा गया। हरिद्वार से 1,74,424 क्यूसेक और नरौरा से 1,69,626 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर और बढ़ गया है।
प्रभावित जिलों में बहराइच, बाराबंकी, बलिया, बस्ती, बिजनौर, बुदायूं, चंदौली, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मिर्जापुर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, श्रावस्ती और वाराणसी शामिल हैं। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (137.10 मीटर) से 25 सेंटीमीटर ऊपर 137.35 मीटर पर पहुंच गया है।
नरौरा बांध से 1,34,584 क्यूसेक पानी और रामगंगा में खो, हरेली और रामनगर बैराज से क्रमशः 7,753, 249 और 2,442 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। कई गांवों में सड़कों पर तीन फीट से अधिक पानी बह रहा है, जिसके कारण ग्रामीण नावों के सहारे आवाजाही करने को मजबूर हैं।
कानपुर में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 113 मीटर से मात्र 68 सेंटीमीटर नीचे है, और अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह और बढ़ सकता है। शुक्लागंज और आसपास के गांवों जैसे बनिया पुरवा, भारत पुरवा, चैनपुरवा और मक्कापुरवा में सतर्कता बढ़ा दी गई है। बाढ़ के पानी ने कई घरों को जलमग्न कर दिया है, जिससे लोग सड़कों और छतों पर रहने को मजबूर हैं। फर्रुखाबाद में 162 गांव प्रभावित हैं, और कई सड़कें, जैसे शमशाबाद-शाहजहांपुर मार्ग, बंद हो चुके हैं।
यूपी सरकार ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। 1,348 बाढ़ चौकियां, 347 राहत वितरण केंद्र और 1,456 नावें तैनात की गई हैं। 1,039 बाढ़ आश्रय स्थलों में 41,802 लोग ठहरे हुए हैं, और 50,491 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं। जलजनित बीमारियों को रोकने के लिए 2,04,494 क्लोरीन टैबलेट और 1,60,559 ओआरएस पैकेट वितरित किए गए हैं।
कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि 61,852 हेक्टेयर खेत पानी में डूब चुके हैं। फर्रुखाबाद में गंगा की तेज धारा ने कई घरों को निगल लिया, और किसानों की गन्ना और धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं। सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की घोषणा की है, हालांकि नुकसान का सटीक आकलन अभी बाकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों की एक टीम तैनात की है। उन्होंने अधिकारियों को संवेदनशीलता, गति और पारदर्शिता के साथ काम करने का निर्देश दिया है। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
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