-
पंजाब में 37 साल बाद सबसे भीषण बाढ़
-
23 जिलों में 2000 से अधिक गांव डूबे पानी में
पंजाब, 6 सितंबर 2025। Flood Havoc: पंजाब इन दिनों अपनी सबसे भयावह बाढ़ से जूझ रहा है, जिसे 1988 के बाद की सबसे बड़ी आपदा बताया जा रहा है। सतलुज, ब्यास और रवि नदियों के उफान और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण पंजाब के 23 जिलों में 2000 से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं। लगभग 3 लाख एकड़ कृषि भूमि पर फसलें नष्ट हो चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। अगस्त 2025 में पंजाब में 253.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 74% अधिक है और पिछले 25 वर्षों में सबसे ज्यादा है।
इसे भी पढ़ें- पंजाब में नई लैंड पूलिंग स्कीम से किसानों को मिलेगा फायदा: सीएम भगवंत मान
हजारों लोग विस्थापित, राहत कार्य जोरों पर
बाढ़ के कारण पंजाब में 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और कम से कम 30 लोगों की मौत की खबर है। 20,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि 16,000 लोग 174 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। फिरोजपुर में सबसे अधिक शिविर संचालित हैं। एनडीआरएफ, सेना, वायुसेना, बीएसएफ और पंजाब पुलिस ने मिलकर बचाव और राहत कार्यों को तेज कर दिया है। 818 स्वास्थ्य टीमें और पशु चिकित्सा इकाइयां भी तैनात की गई हैं। पंजाब सरकार ने सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं और प्रभावितों को पूर्ण मुआवजे का आश्वासन दिया है।
केंद्र से 60,000 करोड़ की मांग
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि तुरंत जारी करने की मांग की है। मान ने स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) के मुआवजे के नियमों को अवास्तविक बताया और प्रति एकड़ 50,000 रुपये की मांग की। उन्होंने केंद्र पर जीएसटी और अन्य योजनाओं में पंजाब का 49,727 करोड़ रुपये रोकने का आरोप लगाया। दूसरी ओर, पीएम मोदी ने चीन से लौटने के बाद मान से फोन पर बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सूत्रों के मुताबिक, पीएम जल्द ही पंजाब और अन्य प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे।
पड़ोसी राज्यों में भी तबाही
पंजाब के अलावा हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल भी भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हैं। भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर बांधों से पानी छोड़े जाने से स्थिति और गंभीर हुई है। पंजाब में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, जो पहले किसान आंदोलनों का प्रतीक थीं, अब राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। समुदाय, एनजीओ और मशहूर हस्तियां भी राहत कार्यों में योगदान दे रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, खराब जल निकासी और नदियों पर अत्यधिक निर्भरता इस आपदा के प्रमुख कारण हैं।
इसे भी पढ़ें- पंजाब के होशियारपुर में भीषण सड़क हादसा, पलटी बस में 8 की मौत, 20 से ज्यादा घायल