फतेहपुर, 12 अगस्त 2025। Fatehpur Tomb Incident: फतेहपुर में मकबरे में तोड़फोड़ के मामले ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में हंगामा खड़ा कर दिया। समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब “मुख्य” ही सच को उजागर करने पर पाबंदी लगा रहे हैं, तो सत्य कैसे सामने आएगा?
इसे भी पढ़ें-SP’s Big Announcement: BMC चुनाव में अकेले लड़ेगी 150 सीटें, अखिलेश यादव ने तोड़ा MVA गठबंधन से नाता
यह विवाद तब शुरू हुआ जब संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में फतेहपुर मामले में दर्ज FIR में शामिल आरोपियों के नाम पढ़ने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। सूत्रों के अनुसार, फतेहपुर में मकबरे में तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिनमें कथित तौर पर भाजपा के स्थानीय नेता शामिल हैं।
जब मुख पर ‘मुख्य’ ही पाबंदी लगा रहे हैं, तो सत्य कैसे सामने आएगा॥ pic.twitter.com/0WHYtyXOyI
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 12, 2025
अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि प्रशासन सच को दबाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, “जब मुख्यमंत्री खुद अपने मंत्री को आरोपियों के नाम लेने से रोक रहे हैं, तो जनता को सच कैसे पता चलेगा? यह सरकार की जवाबदेही की कमी को दर्शाता है।” विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया और सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया। अखिलेश ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह घटना सरकार की नाकामी और पक्षपात को उजागर करती है।
दूसरी ओर, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष बेवजह राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है। सुरेश खन्ना ने सदन में सफाई देते हुए कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच कर रही है, लेकिन नामों का खुलासा अभी उचित नहीं है। यह घटना फतेहपुर में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाली मानी जा रही है, और विपक्ष ने इसे भाजपा की कथित संरक्षणवादी नीति से जोड़ा है। अखिलेश ने मांग की कि मामले की पारदर्शी जांच हो और दोषियों को तुरंत सजा दी जाए। इस बीच, पुलिस ने कहा कि जांच जारी है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें- ‘वोट चोरी’ के खिलाफ विपक्ष का हल्ला बोल, राहुल-प्रियंका हिरासत में, अखिलेश यादव ने फांदी पुलिस बैरिकेडिंग