नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025। Fansi Ghar Controversy: दिल्ली विधानसभा परिसर में 9 अगस्त 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा धूमधाम से उद्घाटन किया गया “ब्रिटिशकालीन फांसी घर” अब आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा सियासी संकट बन गया है। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मानसून सत्र में 1912 का मूल नक्शा पेश करते हुए खुलासा किया था कि जिस कमरे को “फांसी घर” बताया जा रहा है, वह असल में विधानसभा कर्मचारियों का “टिफिन रूम” था। किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में उस जगह का फांसी देने के लिए इस्तेमाल होने का कोई जिक्र नहीं है।
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इस गंभीर आरोप के बाद अध्यक्ष ने मामले को विशेषाधिकार समिति को भेज दिया। समिति के अध्यक्ष प्रद्युम्न राजपूत (BJP) ने 19 नवंबर 2025 को सुबह 11 बजे बैठक बुलाई थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, पूर्व स्पीकर राम निवास गोयल और तत्कालीन उपसभापति राखी बिड़ला को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था, लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि AAP के चारों बड़े नेता मीटिंग में नहीं पहुंचे।
समिति ने अब इन्हें अंतिम मौका देते हुए 20 नवंबर 2025 को फिर से तलब किया है। अध्यक्ष राजपूत ने कहा, “हमने सभी को नोटिस दिया था। उनकी अनुपस्थिति से जांच में देरी हो रही है। अब 20 नवंबर को सभी को अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा, ताकि उनके बयान दर्ज किए जा सकें। ”आधिकारिक बयान में समिति ने स्पष्ट किया कि वह “फांसी घर” की प्रामाणिकता, इसके ऐतिहासिक दावों की सत्यता, उद्घाटन समारोह में किए गए बयानों और विधानसभा की गरिमा पर प्रभाव का गहन परीक्षण कर रही है।
बैठक में पुराने नक्शे, निर्माण रिकॉर्ड, 2022 के उद्घाटन के वीडियो और प्रेस विज्ञप्तियों की समीक्षा की गई। केजरीवाल और सिसोदिया ने पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर समन को चुनौती दी थी। उनकी दलील थी कि यह कार्यवाही किसी शिकायत पर आधारित नहीं है और विशेषाधिकार हनन से इसका कोई संबंध नहीं है, लेकिन 18 नवंबर को हाई कोर्ट ने प्रथम दृष्टया याचिका को “स्वीकार्य नहीं” मानते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि विधानसभा की आंतरिक कार्यवाही में हस्तक्षेप उचित नहीं होगा। राजनीतिक गलियारों में इसे AAP के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
BJP प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, “केजरीवाल जी ने झूठी कहानी गढ़कर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया। अब सच सामने आ रहा है तो भाग रहे हैं।” वहीं AAP ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यदि समिति दोषी पाती है तो केजरीवाल, सिसोदिया और अन्य पर विशेषाधिकार हनन के साथ-साथ विधानसभा की अवमानना का भी मामला बन सकता है। सूत्रों के अनुसार, समिति अपनी रिपोर्ट फरवरी 2026 के बजट सत्र में पेश कर सकती है। यह विवाद दिल्ली की सियासत में नया तूफान बनता दिख रहा है।
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