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Fake Producer Gang: दिल्ली में फर्जी प्रोड्यूसर गिरोह का पर्दाफाश, 24 लाख की ठगी का खुलासा

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Fake Producer Gang

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  • टीवी सीरियल में रोल का झांसा, बेंगलुरु से दो ठग गिरफ्तार
  • बंटी और बबली से प्रेरित ठगों ने की एक्टिंग के सपनों की लूट

नई दिल्ली, 23 अगस्त 2025। Fake Producer Gang: दिल्ली पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराध का भंडाफोड़ करते हुए दो ठगों को गिरफ्तार किया है, जो टीवी सीरियल्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रोल दिलाने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ठग रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान तरुण शेखर शर्मा (32, लखनऊ) और आशा सिंह उर्फ भावना (29, दिल्ली) के रूप में हुई है। ये दोनों बेंगलुरु के एक सर्विस अपार्टमेंट से पकड़े गए। पुलिस ने इनके पास से सात स्मार्टफोन, दस सिम कार्ड, आठ एटीएम कार्ड, 15 बैंक चेकबुक और पासबुक, और सोने की बालियां बरामद की हैं।

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मामला तब सामने आया जब दिल्ली के डाबड़ी, रघु नगर की एक महिला ने शिकायत दर्ज की कि उनकी नाबालिग बेटी, जो एक्टिंग और मॉडलिंग का कोर्स कर रही थी, को ठगों ने 24 लाख रुपये का चूना लगाया। पीड़िता ने एक फेसबुक पेज पर स्टार प्लस और हॉटस्टार के एक मशहूर सीरियल में नए कलाकारों की जरूरत का विज्ञापन देखा। विज्ञापन के लिंक पर क्लिक करने पर वह वॉट्सऐप पर एक शख्स से जुड़ी, जिसने खुद को डायरेक्टर पीयूष शर्मा बताया और दावा किया कि वह पहले एक रियलिटी शो में हिस्सा ले चुका है।

उसने पीड़िता का पोर्टफोलियो मांगा और फिर उसे कथित बड़े प्रोड्यूसर राजन शाही और सिनेटा की एचआर डायरेक्टर से जोड़ा। अलग-अलग बहानों से पीड़िता से 24 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए गए, और फिर ठगों ने उसे ब्लॉक कर दिया। पुलिस जांच में पता चला कि यह जोड़ी, जो बॉलीवुड फिल्म ‘बंटी और बबली’ से प्रेरित थी, यूट्यूब वीडियो देखकर ठगी की तकनीक सीखती थी। ये लोग वॉट्सऐप के जरिए ही बात करते थे और अपनी लोकेशन छिपाने के लिए लगातार शहर बदलते थे।

ये लखनऊ, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल और कर्नाटक के प्रीमियम होटलों जैसे द ललित, क्राउन प्लाजा और वेलकम होटल में ठहरते थे। ठगी से कमाए पैसों से ये शानदार जीवनशैली जीते थे। आरोपियों के खिलाफ देशभर में 20 से ज्यादा शिकायतें राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज हैं, और ये उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में पहले से चार मामलों में वांछित थे। दिल्ली पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मनी ट्रेल विश्लेषण के जरिए इनका पता लगाया।

साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी अमित गोयल के अनुसार, यह एक संगठित गिरोह था जो एक्टिंग के शौकीनों को बड़े प्रोजेक्ट्स का लालच देकर फंसाता था। मामले में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत साइबर पुलिस स्टेशन, साउथ वेस्ट में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस अब अन्य पीड़ितों और संभावित सहयोगियों की तलाश में गहन जांच कर रही है। यह घटना मनोरंजन उद्योग में विश्वास और पारदर्शिता की कमी को उजागर करती है।

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