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Fake Paramedical College: फर्जी पैरामेडिकल कॉलेज का पर्दाफाश, 72 लाख की ठगी, संचालक समेत तीन गिरफ्तार

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Fake Paramedical College

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 अमेठी, 16 सितंबर 2025। Fake Paramedical College: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। अमेठी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल एंड साइंस (AIPS) नामक संस्थान पर एएनएम (Auxiliary Nurse Midwifery) कोर्स के नाम पर 36 छात्राओं से करीब 72 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगा है। छात्राओं ने परीक्षा के समय एडमिट कार्ड न मिलने की शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की और संस्थान के फर्जी होने का भंडाफोड़ कर दिया। इस मामले में संचालक सहित नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि तीन मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

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पुलिस के अनुसार, संस्थान के संचालक प्रिंस उर्फ आजम खां ने छात्राओं को आकर्षित करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र और कोर्स की मान्यता का दावा किया था। उन्होंने प्रति छात्रा दो लाख रुपये से अधिक फीस वसूली, लेकिन न तो कोई वैध पाठ्यक्रम चलाया और न ही परीक्षा आयोजित की। छात्राओं को वादा किया गया था कि एएनएम कोर्स पूरा होने पर सरकारी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन सब कुछ धोखा साबित हुआ। शिकायत मिलते ही अमेठी पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. की सिफारिश पर नवाबगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ।

Fake Paramedical College

गिरफ्तार आरोपियों में संचालक प्रिंस उर्फ आजम खां के अलावा विवेक श्रीवास्तव और आयुष तिवारी शामिल हैं। ये तीनों संस्थान के प्रमुख सदस्य थे, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करने और फीस वसूलने में सक्रिय थे। पुलिस ने छापेमारी के दौरान संस्थान से फर्जी रजिस्ट्रेशन दस्तावेज, फीस रसीदें और छात्राओं के फॉर्म जब्त किए हैं। बाकी छह आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं। जांच में पता चला कि यह गिरोह पिछले दो वर्षों से सक्रिय था और कई अन्य जिलों में भी इसी तरह के फर्जी कोर्स चला रहा था।

यह घटना शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है। ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को निशाना बनाकर ऐसे गिरोह न केवल उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं की छवि भी खराब कर रहे हैं। अमेठी एसपी ने बताया कि आगे की जांच में अन्य संलिप्त लोगों का पर्दाफाश किया जाएगा और ठगी गई राशि की वसूली का प्रयास होगा। छात्राओं को न्याय दिलाने के लिए विशेष हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। इस मामले ने पूरे यूपी में सनसनी फैला दी है, और शिक्षा विभाग को अब सतर्क रहने की जरूरत है।

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