Home » ताजा खबरें » उत्‍तर प्रदेश » Fake Medicines: आगरा से लखनऊ तक नकली दवाओं का जाल, दो मेडिकल एजेंसियां सील, दो भाइयों पर गंभीर आरोप

Fake Medicines: आगरा से लखनऊ तक नकली दवाओं का जाल, दो मेडिकल एजेंसियां सील, दो भाइयों पर गंभीर आरोप

Share :

Fake Medicines

Share :

लखनऊ, 29 अगस्त 2025। Fake Medicines: उत्तर प्रदेश में नकली दवाओं के कारोबार ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगरा से शुरू हुआ यह अवैध धंधा लखनऊ तक फैल गया, जिसके बाद विशेष कार्य बल (STF) और औषधि विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ में दो मेडिकल एजेंसियों—आशियाना की पार्वती मेडिकल एजेंसी और अमीनाबाद की न्यू बाबा मेडिकल एजेंसी—को सील कर दिया।

इसे भी पढ़ें-Cyber ​​Crime: उत्तर प्रदेश में 2022 के 13,155 साइबर अपराध, 2024 तक 400% वृद्धि, रिकवरी मात्र 7% 

इस मामले में दो सगे भाइयों, सुभाष और विक्की कुमार, पर नकली दवाओं का नेटवर्क चलाने का गंभीर आरोप लगा है। जांच में पता चला कि यह नेटवर्क तमिलनाडु, पुडुचेरी और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैला हुआ था, जो नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाकर बाजार में बेच रहा था। यह मामला तब सामने आया जब आगरा में 2 करोड़ रुपये की नकली दवाओं की खेप पकड़ी गई।

ये दवाएं चेन्नई से लखनऊ के लिए रवाना की गई थीं, जिनके बिल पार्वती मेडिकल और न्यू बाबा मेडिकल एजेंसी के नाम पर थे। आगरा में बीच रास्ते में दवाएं उतार ली गईं, जिसके बाद STF ने छापेमारी कर इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। न्यू बाबा मेडिकल एजेंसी से 10 लाख रुपये से अधिक की दवाएं बरामद हुईं, जिनमें कई नशीली दवाएं भी शामिल थीं। जांच में खुलासा हुआ कि इन दवाओं के बैच नंबर और क्यूआर कोड असली दवाओं जैसे ही थे, जिससे इनकी पहचान करना मुश्किल था। दोनों भाइयों ने अलग-अलग फर्म बनाकर इस अवैध कारोबार को अंजाम दिया था।

Fake Medicines

STF और औषधि विभाग की संयुक्त कार्रवाई में 10 संदिग्ध फर्मों की पहचान की गई, जो लाखों के बिल पर करोड़ों की नकली दवाओं की कालाबाजारी कर रही थीं। चेन्नई और पुडुचेरी से हूबहू पैकिंग वाली दवाएं बनाकर लखनऊ, आगरा और अन्य जिलों में सप्लाई की जा रही थीं। दो नामी कंपनियों ने पुष्टि की कि उनके नाम पर नकली दवाएं बनाई जा रही थीं, जबकि तीन अन्य कंपनियां आंतरिक जांच कर रही हैं। दोनों एजेंसियों के मालिक फिलहाल फरार हैं, और STF उनकी तलाश में जुटी है।

इस नेटवर्क की पहुंच 11 राज्यों तक थी, और यह नेपाल और बांग्लादेश तक फैला हुआ था। नकली दवाओं में एंटी-एलर्जी दवा ‘एलेग्रा 120 एमजी’ जैसी दवाएं शामिल थीं, जिन्हें सस्ते में बनाकर ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा था। इस कारोबार ने मरीजों की जान को खतरे में डाल दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नकली दवाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत 2024-25 में 30.77 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की गईं और 68 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इसे भी पढ़ें- Flood in UP: उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बारिश का कहर, चित्रकूट, औरैया में चार की मौत, कानपुर में गंगा उफनाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
News Portal Development Services in Uttar Pradesh
Cricket Score
सबसे ज्यादा पड़ गई
Share Market

शहर चुनें

Follow Us