लखनऊ, 8 अक्टूबर 2025। Election Process in UP: उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जिसके तहत अब प्रत्येक मतदाता को गणना फॉर्म भरना अनिवार्य होगा। इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं से फॉर्म भरवाएंगे। मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप रिणवा ने इस संबंध में सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण दे दिया है।
इसे भी पढ़ें- निर्वाचन आयोग जल्द शुरू करेगा देशव्यापी SIR अभियान, मतदाता सूची की होगी गहन जांच
चुनाव आयोग की ओर से तिथियां घोषित होते ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाकर सत्यापन किया जाएगा, जो वेबसाइट ceouttarpradesh.nic.in पर अपलोड की जा रही है। यह सूची विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उपयोग की जाती है। बीएलओ प्रत्येक मतदाता को दो प्रतियों में प्री-प्रिंटेड गणना फॉर्म उपलब्ध कराएंगे। मतदाता को एक प्रति पर हस्ताक्षर कर बीएलओ को वापस करनी होगी। यदि मतदाता का नाम 2003 की सूची में है, तो वे बीएलओ को अपनी जानकारी देकर सत्यापन करा सकेंगे।

आयोग का लक्ष्य है कि बीएलओ स्वयं 2003 की सूची से जानकारी निकालकर फॉर्म के साथ जोड़ दें, ताकि मतदाताओं को असुविधा न हो। सत्यापित नामों को अंतिम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा, जिन मतदाताओं का नाम 2003 की सूची में नहीं है और उनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, उन्हें चुनाव आयोग द्वारा मान्य 11 दस्तावेजों में से एक जमा करना होगा। वहीं, 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाताओं को अपना एक मान्य दस्तावेज और माता-पिता में से किसी एक का दस्तावेज देना होगा।
यदि उनके माता-पिता का नाम 2003 की सूची में है, तो वह भी प्रमाण के रूप में स्वीकार्य होगा। 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे मतदाताओं को अपने और माता-पिता दोनों के मान्य दस्तावेज जमा करने होंगे। ये तिथियां नागरिकता संशोधन अधिनियम को ध्यान में रखकर तय की गई हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 15 करोड़ 42 लाख मतदाता हैं। अनुमान है कि 70 प्रतिशत मतदाताओं का सत्यापन 2003 की सूची के आधार पर पूरा हो जाएगा। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
इसे भी पढ़ें- Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव बनाम चुनाव आयोग, तीन DM के जवाब से गरमाया मतदाता सूची विवाद








