नई दिल्ली, 20 नवंबर 2025। Dwarka WTP: दिल्लीवालों के लिए राहत भरी खबर! दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी की बढ़ती प्यास को बुझाने के लिए 2406 करोड़ रुपये की तीन मेगा परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इनसे अगले दो-तीन साल में दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम दिल्ली के करीब 22 लाख लोगों को 177 एमजीडी (लगभग 80 करोड़ लीटर प्रतिदिन) अतिरिक्त स्वच्छ पेयजल मिलेगा। सबसे बड़ी बात, द्वारका में 70 एमजीडी क्षमता वाला दिल्ली का सबसे बड़ा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।
इसे भी पढ़ें- कोविड योद्धाओं को सच्ची श्रद्धांजलि, मृत कर्मियों के परिवारों को रेखा गुप्ता सरकार देगी 1 करोड़ की अनुदान राशि
जल बोर्ड की बोर्ड बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में ये परियोजनायें मंजूर हुईं। पहली परियोजना द्वारका सेक्टर-16 में 70 एमजीडी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की है, जिसकी लागत 650 करोड़ रुपये है। यह प्लांट रानी खेड़ा और नांगलोई के पुराने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों के पानी को ट्रीट करके पीने योग्य बनाएगा। दूसरी परियोजना 57 एमजीडी का अंडरग्राउंड रिजर्वायर और पंपिंग स्टेशन है, जिसकी लागत 1030 करोड़ रुपये आएगी।
तीसरी परियोजना 50 एमजीडी क्षमता वाला नया एसटीपी है, जिस पर 726 करोड़ रुपये खर्च होंगे। तीनों परियोजनाओं का कुल खर्च 2406 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से द्वारका, नजफगढ़, पश्चिम दिल्ली, कैंट क्षेत्र, दिल्ली यूनिवर्सिटी का साउथ कैंपस और आसपास के 500 से ज्यादा अनधिकृत कॉलोनियों को 24×7 स्वच्छ पानी मिलेगा। अभी ये इलाके टैंकर माफिया और गंदे पानी पर निर्भर हैं।
केजरीवाल सरकार का दावा है कि, 2027 तक दिल्ली को 100% पाइप से स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली की आबादी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन पिछले 20 साल में कोई नया वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बना। हमने 5 साल में ही 7 नए प्लांट शुरू किए और अब ये तीन सबसे बड़े प्लांट बन रहे हैं।” जल मंत्री ने बताया कि द्वारका का 70 एमजीडी प्लांट भारत का सबसे आधुनिक प्लांट होगा, जिसमें जीरो लिक्विड डिस्चार्ज तकनीक होगी।
इन परियोजनाओं से न सिर्फ पानी की कमी दूर होगी, बल्कि हजारों रोजगार भी पैदा होंगे। दिल्ली जल बोर्ड ने ठेकों के लिए ग्लोबल टेंडर भी शुरू कर दिए हैं। आने वाले सालों में दिल्लीवासी टैंकर के लिए तरसना भूल जाएंगे।








