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सरकार का दीवाली तोहफा, 22 सितंबर से 375 वस्तुओं पर GST में कटौती, कंपनियों को सख्त निर्देश

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Finance Minister Nirmala Sitharaman

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 नई दिल्ली, 6 सितंबर 2025। केंद्र सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 56वीं GST परिषद की बैठक में 375 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर GST दरों में कटौती का ऐलान किया गया है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। यह तारीख नवरात्रि के पहले दिन से शुरू होगी, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने “जनता के लिए दीवाली तोहफा” करार दिया है।

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इस ऐतिहासिक सुधार के तहत GST की चार-स्तरीय संरचना (5%, 12%, 18%, 28%) को सरल कर दो स्लैब – 5% और 18% – में बदला गया है, जबकि विलासिता और हानिकारक वस्तुओं (जैसे तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, लग्जरी वाहन) के लिए 40% की विशेष दर लागू होगी। इस सुधार से दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे दूध, पनीर, रोटी, पराठा, खाखरा, मक्खन, घी, दही, पास्ता, नमकीन, ड्राई फ्रूट्स, और चॉकलेट सस्ते होंगे।

कई खाद्य पदार्थों जैसे यूएचटी दूध, पनीर और पिज्जा ब्रेड पर GST पूरी तरह हटा दिया गया है, जबकि मक्खन, घी, चीज और ड्राई फ्रूट्स पर टैक्स 12-18% से घटाकर 5% किया गया है। व्यक्तिगत देखभाल के उत्पाद जैसे शैंपू, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल और स्टेशनरी आइटम (पेंसिल, नोटबुक) भी 5% के स्लैब में आएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में राहत देते हुए, सभी दवाइयां, चिकित्सा उपकरण, और स्वास्थ्य बीमा को या तो कर-मुक्त किया गया है या 5% की दर पर लाया गया है। वित्त मंत्री ने कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे GST कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं।

सरकार ने कीमतों पर नजर रखने के लिए अप्रत्यक्ष कर प्राधिकरणों को मौजूदा मूल्यों का डेटा एकत्र करने का आदेश दिया है, ताकि नई दरों के लागू होने के बाद मूल्य वृद्धि को रोका जा सके। सीतारमण ने कहा, “यह सुधार आम जनता की जेब पर बोझ कम करने और घरेलू खपत को बढ़ावा देने के लिए है।” विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस कदम से 2025-26 में भारत की जीडीपी में 0.2-0.3% की वृद्धि हो सकती है।

हालांकि, तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, और लग्जरी वाहनों जैसे उत्पादों पर 40% की ऊंची दर लागू होगी, जिससे ये महंगे होंगे। GST परिषद ने राज्यों के साथ 10 घंटे से अधिक चली बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया, जिसमें किसी भी राज्य ने विरोध नहीं किया। इस सुधार का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना, व्यवसायों के लिए अनुपालन को आसान करना और अर्थव्यवस्था को अमेरिकी व्यापार शुल्कों के प्रभाव से बचाना है।

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