नई दिल्ली,15 अक्टूबर 2025। Diwali 2025: दिवाली की रौनक को पर्यावरण संरक्षण के साथ जोड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पूर्ण पटाखा प्रतिबंध को ढील देते हुए ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे दी है। यह फैसला एमसी मेहता बनाम भारत संघ मामले (डब्ल्यूपी (सी) 13029/1985) में पारित किया गया, जिसमें चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई की।
इसे भी पढ़ें- Delhi-NCR: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों तो बनेंगे, लेकिन बिकेंगे नहीं
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पीईएसओ) द्वारा अनुमोदित ग्रीन पटाखे ही बेचे और फोड़े जा सकेंगे। इनमें क्यूआर कोड होना अनिवार्य है, जो एनईईआरआई और पीईएसओ को सबमिट किया जाना चाहिए। जोइंट पटाखे और लड़ी जैसे प्रदूषणकारी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
बिक्री केवल लाइसेंसधारी व्यापारियों और अधिकृत निर्माताओं के माध्यम से होगी, और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे फ्लिपकार्ट व अमेजन पर प्रतिबंधित रहेगी। दिल्ली में ग्रीन पटाखों का निर्माण भी एनईईआरआई व पीईएसओ की अनुमति से संभव होगा। उपयोग का समय सीमित रखा गया है। दिवाली (20 अक्टूबर 2025) और नरक चतुर्दशी के दिन सुबह 6 से 7 बजे तथा शाम 8 से 10 बजे तक फोड़ने की छूट होगी।
अन्य त्योहारों पर शाम 8 से 10 बजे, क्रिसमस व न्यू ईयर ईव पर रात 11:55 से 12:30 बजे तक, तथा गुरुपुरब पर सुबह 4-5 बजे और शाम 9-10 बजे तक अनुमति है। बिक्री 15 से 21 अक्टूबर 2025 तक नामित स्थानों पर ही होगी। फोड़ने के लिए केवल निर्दिष्ट स्थान ही उपयोग किए जा सकेंगे। कोर्ट ने यह फैसला पर्यावरण सुरक्षा और त्योहारी अधिकारों के बीच संतुलन बनाने के लिए लिया। एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 2018-2024 तक स्थिर रहा, लेकिन कोविड लॉकडाउन में सुधार दिखा।
अप्रैल 2025 के पूर्ण प्रतिबंध आदेश को 2018 के अर्जुन गोपाल मामले के अनुरूप ढीला किया गया, जो ग्रीन पटाखों की अनुमति देता था। कोर्ट ने चिंता जताई कि बाहर से तस्करी होने वाले प्रदूषणकारी पटाखे ग्रीन पटाखों से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। फर्जी ग्रीन पटाखों में बैरियम, लिथियम जैसे हानिकारक रसायन मिलने की आशंका पर सख्त निगरानी के निर्देश दिए।
निर्देशों में पुलिस को पेट्रोलिंग टीमें गठित करने, रैंडम सैंपलिंग और परीक्षण करने, उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द करने व जब्ती का आदेश शामिल है। एनसीआर राज्य सरकारें, दिल्ली सरकार व पीईएसओ को ऑनलाइन बिक्री रोकने का जिम्मा सौंपा। अमीकस क्यूरीए ने ‘ग्रीन सेस’ लगाने का सुझाव दिया। यह आदेश त्योहारी खुशियों को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है।








