मथुरा, 15 नवंबर 2025। Dhirendra Shastri: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। शुक्रवार (15 नवंबर 2025) को कोसीकलां अनाज मंडी से शुरू हुई 15 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के बीच उन्होंने कहा, “जिनको राम के नाम से, वंदे मातरम तथा जय श्रीराम बोलने से दिक्कत है, वे लोग लाहौर का टिकट कटवा लें।
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अगर पैसा भी न हो तो हम कर्ज लेकर अपने पैसे से टिकट करवायेंगे।” यह बयान हिंदू एकता को मजबूत करने के संकल्प के बीच आया, जब हजारों सनातन प्रेमी उनके साथ कदम मिला रहे थे। यह पदयात्रा 7 नवंबर को दिल्ली से शुरू हुई थी और 16 नवंबर को वृंदावन में समाप्त होगी। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदुओं को एकजुट करना, गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित कराना और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में जागृति फैलाना है।

कोसीकलां से कोसी तक की इस यात्रा में सुबह वंदे मातरम और हनुमान चालीसा का गायन हुआ। बाबा धीरेंद्र ने आगे कहा, “जो राम का नहीं है, वो किसी काम का नहीं है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वे मुसलमानों के विरोधी नहीं, बल्कि उन लोगों के खिलाफ हैं, जो भारत का अन्न खाते हैं, लेकिन राम और राष्ट्र का गुणगान दूसरों का करते हैं। कुछ हिंदुओं द्वारा गीता, गंगा, संतों और पदयात्रा का विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए बोले, “जैसे शुगर होने पर चेक करवाते हैं, वैसे ही इनका डीएनए टेस्ट करवाया जाए और वापस उनकी जगह भेज दिया जाए।
“पदयात्रा के दौरान बाबा की तबीयत खराब हो गई। तेज बुखार और थकान से वे सड़क पर लेट गए, लेकिन डॉक्टरों की आराम की सलाह को ठुकराते हुए सनातन प्रेमियों के उत्साह में यात्रा जारी रखी। बाल्मीकि समाज ने उन्हें गदा और चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया। छाता में दोपहर विश्राम के समय अन्नपूर्णा रसोई में प्रसाद ग्रहण किया गया। एक युवक बद्री विश्वकर्मा ने अपनी चोटी से भारी रथ खींचा, जो दिल्ली से वृंदावन तक हिंदू एकता का प्रतीक है। कैबिनेट मंत्री प्रतिनिधि नरदेव चौधरी ने व्यवस्था संभाली, जिन्हें बाबा ने स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बंद कर पुलिस ने सुरक्षा सुनिश्चित की। जगह-जगह पुष्प वर्षा हुई। बाबा ने कहा, “जब तक हिंदू जागेगा नहीं, तब तक एक नहीं होगा। ऐसी पदयात्राएं जागरण का माध्यम हैं।” यह बयान धार्मिक एकता के साथ-साथ राजनीतिक बहस को हवा दे रहा है। विपक्षी दलों ने इसे भड़काऊ बताया, जबकि समर्थकों ने इसे सनातन रक्षा का आह्वान माना। पदयात्रा का समापन वृंदावन में भव्य होगा, जहां लाखों श्रद्धालु जुटेंगे। यह घटना हिंदू समाज में एकता की पुकार को नई ऊर्जा दे रही है, लेकिन विवादास्पद बयानों से सामाजिक ताने-बाने पर असर पड़ सकता है।
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