नई दिल्ली, 21 नवंबर 2025। Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के ऐतिहासिक रेड फोर्ट के पास हुए विस्फोट मामले में जांच एजेंसियों को एक बड़ा सुराग मिला है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक कैब ड्राइवर के घर से आटा पीसने की मशीन बरामद की है, जिसका इस्तेमाल बम बनाने के लिए रसायनों को पीसने में किया जा रहा था। इस खुलासे ने पूरे मामले को नई दिशा दी है और आतंकी साजिश की गहराई को उजागर किया है।
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यह मशीन मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई के सहयोगी के घर से मिली, जो एक साधारण आटा चक्की थी लेकिन इसे विस्फोटक सामग्री तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया गया। घटना की शुरुआत 10 नवंबर, 2025 को हुई, जब रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास एक Hyundai i20 कार में जोरदार विस्फोट हुआ। इस धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। विस्फोट इतना तीव्र था कि इससे निकली आग की लपटों ने पास की एक कैब को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें बिहार के 22 वर्षीय ड्राइवर पंकज साहनी की मौके पर ही मौत हो गई।
पंकज अपनी कैब (नंबर प्लेट 6662) से एक यात्री को पिकअप करने जा रहे थे, जब यह हादसा हुआ। उनके पिता राम बलक साहनी, जो हृदय रोगी हैं, ने टीवी पर जली हुई कैब देखी और पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन बेटे की पहचान देर रात मोर्चरी में हुई। इस विस्फोट ने दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी मुजम्मिल गनई, जिसे ‘टेरर डॉक्टर’ कहा जा रहा है, अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिकल छात्र था। वह जम्मू-कश्मीर का निवासी है और 2021 में महामारी के दौरान यूनिवर्सिटी जॉइन किया।उसके सहयोगी उमर उन नबी, जो i20 कार चला रहा था, भी यूनिवर्सिटी का छात्र था। दोनों ने फरीदाबाद के धोज गांव में एक मौलवी के घर में कमरा किराए पर लिया था, जहां से लगभग 3,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।
मुजम्मिल कमरा नंबर 13 में रहता था, जबकि उमर कमरा नंबर 4 में। उनके डायरी और नोटबुक से कोडेड संदेश मिले, जिनमें ‘ऑपरेशन’ शब्द बार-बार लिखा था, साथ ही 25-30 लोगों के नाम, ज्यादातर जम्मू-कश्मीर या फरीदाबाद से। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह साजिश दो साल से ज्यादा समय से चल रही थी और कई हमलों की योजना थी। एनआईए ने फरीदाबाद में कैब ड्राइवर को हिरासत में लिया, जिसके घर से यह आटा चक्की मिली। मशीन का इस्तेमाल यूरिया जैसे रसायनों को बारीक पीसने के लिए किया जाता था, जो विस्फोटक बनाने में जरूरी है।
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