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Delhi Red Fort Blast Case: ED की बड़ी कार्रवाई, अल-फलाह यूनिवर्सिटी समेत 4 राज्यों के 30 ठिकानों पर छापा

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Delhi Red Fort Blast Case

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नई दिल्ली18 नवंबर 2025। Delhi Red Fort Blast Case: 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण कार बम विस्फोट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह बड़ी कार्रवाई शुरू की है। ED की टीम ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी, दिल्ली के ओखला में ट्रस्ट कार्यालय, मध्य प्रदेश के महू और असम सहित चार राज्यों के कुल 30 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

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ये छापे मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत दर्ज मामले में हो रहे हैं।इस विस्फोट में एक सफेद हुंडई i20 कार में शक्तिशाली बम रखा गया था, जिसके फटने से 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले को आतंकी साजिश करार देते हुए जांच अपने हाथ में ले ली थी।

जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी खुद एक मेडिकल प्रोफेसर थे और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए थे।NIA की अब तक की जांच में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो कथित तौर पर डॉ. उमर नबी के करीबी सहयोगी बताए जा रहे हैं। इनके तार अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ ट्रस्टियों और पदाधिकारियों से भी जुड़े बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक यूनिवर्सिटी परिसर का इस्तेमाल फंडिंग, ट्रेनिंग और आतंकी मॉड्यूल को संरक्षण देने के लिए हुआ था

। ED को शक है कि आतंकी गतिविधियों के लिए हवाला और विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल किया गया, जिसकी जांच के लिए ये छापेमारी की जा रही है।ED की टीम ने यूनिवर्सिटी चेयरमैन जवाद अहमद के महू (मध्य प्रदेश) स्थित पुराने आवास, फरीदाबाद कैंपस, ओखला ट्रस्ट ऑफिस के अलावा कई अन्य संदिग्धों के घरों और कार्यालयों पर दबिश दी है। डिजिटल डिवाइस, बैंक दस्तावेज, लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए जा रहे हैं।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि परिसर का किसी भी गैर-कानूनी या आतंकी गतिविधि में उपयोग नहीं हुआ है और वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। यह मामला देश में आतंकी संगठनों के लिए पेशेवरों (खासकर डॉक्टरों और इंजीनियरों) के भर्ती होने की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करता है। NIA और ED की संयुक्त जांच से कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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