नई दिल्ली, 11 नवंबर 2025। Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही प्रदूषण का कहर और भयावह रूप धारण कर चुका है। मंगलवार को शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 423 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह इस सीजन का सबसे खराब स्तर है, जिसके चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है।
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इससे दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया है। वहीं, वाहनों की आवाजाही पर भी कड़े प्रतिबंध थोपे गए हैं। सोमवार को AQI 362 पर था, लेकिन रातोंरात धुंध और ठंड के कारण यह तेजी से बिगड़ गया। आंकड़ों के मुताबिक, बावना में AQI 425 तक पहुंचा, जबकि अन्य इलाकों जैसे आनंद विहार, रोहिणी और नजफगढ़ में भी 400 से ऊपर दर्ज किया गया।

जनवरी से 9 नवंबर तक का औसत AQI 175 रहा, लेकिन अब यह स्तर स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाने, वाहनों के धुएं, औद्योगिक उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों से आने वाली हवा ने इस संकट को जन्म दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इतने ऊंचे AQI से सांस संबंधी बीमारियां, हृदय रोग और बच्चों में अस्थमा का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। GRAP-3 के तहत लागू होने वाली प्रमुख पाबंदियां निम्नलिखित हैं:
निर्माण पर रोक: सभी प्रकार के निर्माण, सड़क मरम्मत और धूल उड़ाने वाले कार्य पूरी तरह बंद।
वाहन प्रतिबंध: पेट्रोल-डीजल वाहनों (BS-III और पुराने) का प्रवेश प्रतिबंधित, दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता।
उद्योग: गैर-जरूरी उद्योगों को बंद करने का आदेश, कोयला आधारित इकाइयां प्रभावित।
स्कूल और सार्वजनिक स्थल: प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस की सिफारिश, पार्क और खेल मैदानों पर समय सीमा।
अन्य: 50% सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम, ओपन बर्निंग पर सख्ती।
दिल्ली सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए मेट्रो सेवाओं को बढ़ाया है और मुफ्त साइकिल शेयरिंग को प्रोत्साहित किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “प्रदूषण से लड़ाई में सभी को एकजुट होना होगा। हम पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।” पर्यावरण मंत्री ने बताया कि 10 लाख से अधिक पेड़ लगाने का अभियान तेज किया जाएगा। हालांकि, GRAP-3 के बावजूद विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि अगर हवा की गति न बढ़ी तो AQI 500 के करीब पहुंच सकता है। नागरिकों से अपील है कि मास्क पहनें, बाहर कम निकलें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

यह संकट न केवल दिल्लीवासियों की सेहत को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी बोझ डाल रहा है। केंद्र सरकार ने एनसीआर में अतिरिक्त मॉनिटरिंग टीम तैनात की है, जबकि हरियाणा और पंजाब में पराली प्रबंधन पर निगरानी बढ़ाई गई है। इस प्रदूषण महामारी ने एक बार फिर जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को उजागर किया है। अगर तत्काल समन्वित प्रयास न हुए तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। दिल्ली की सड़कें धुंध की चादर में लिपटी नजर आ रही हैं, और निवासियों का जीवन यापन मुश्किल हो गया है।
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