नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025। Delhi-NCR Weather: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर-पश्चिम भारत में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण 4 से 8 अक्टूबर 2025 तक भारी बारिश, ओलावृष्टि, तेज हवाओं और ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का अनुमान जताया है। यह विक्षोभ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी प्राप्त कर रहा है, जिससे 5 और 6 अक्टूबर को चरम प्रभाव देखने को मिलेगा। दिल्ली-एनसीआर में ओलावृष्टि की संभावना ने लोगों में हड़कंप मचा दिया है, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी वर्षा से बाढ़ और जलभराव का खतरा बढ़ गया है।
इसे भी पढ़ें- Delhi-NCR Weather: दिल्ली-NCR में मौसम ने ली करवट, हल्की बारिश से गिरा तापमान, गर्मी से मिली राहत
दिल्ली-एनसीआर के लिए IMD का पूर्वानुमान बताता है कि 5 अक्टूबर को हल्की बारिश शुरू होगी, जो 6 और 7 अक्टूबर को मध्यम से भारी स्तर पर पहुंच जाएगी। इस दौरान 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी, जो 50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं। ओलावृष्टि मुख्य रूप से 6 अक्टूबर को संभावित है, जो फसलों, बागवानी और कच्चे निर्माणों को नुकसान पहुंचा सकती है। तापमान में गिरावट भी दर्ज होगी। 3 अक्टूबर को अधिकतम 35.7 डिग्री सेल्सियस था, लेकिन 8 अक्टूबर तक न्यूनतम 22 डिग्री तक लुढ़क सकता है। 9 अक्टूबर से ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं सर्दी की शुरुआत का संकेत देंगी, जिससे न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे चला जाएगा।
उत्तर प्रदेश में स्थिति और गंभीर है। पूर्वी यूपी में 3-5 अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है, जिसमें 4 अक्टूबर को अलग-अलग जगहों पर 21 सेंटीमीटर से अधिक (अत्यधिक भारी) बारिश हो सकती है। पश्चिमी यूपी में 6 अक्टूबर को ओलावृष्टि और 30-50 किमी/घंटा की तेज हवाएं चलेंगी। 5-7 अक्टूबर तक व्यापक वर्षा के साथ बिजली चमकने और आकाशीय घटनाओं की संभावना है। फसलों जैसे मक्का, दालें और सब्जियों में जलभराव से नुकसान हो सकता है।
IMD ने किसानों को परिपक्व फसलों की तत्काल कटाई और भंडारण की सलाह दी है।बिहार में भी 3-6 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम वर्षा के साथ अलग-अलग भारी बारिश होगी, जिसमें 4 अक्टूबर को अत्यधिक भारी वर्षा (21 सेंटीमीटर से अधिक) का खतरा है। आरा, भभुआ, गया, जहानाबाद, नालंदा और रोहतास जिलों में 4 अक्टूबर सुबह 11:30 बजे तक मध्यम बाढ़ का जोखिम है। अगले 5 दिनों तक 30-40 किमी/घंटा की हवाओं के साथ बिजली चमकने की चेतावनी है। नदियों में जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में जलमग्नता हो सकती है। पशुपालन के लिए सलाह है कि जानवरों को आश्रय में रखें और चारा सुरक्षित स्थान पर संग्रहित करें।
IMD ने प्रभावित क्षेत्रों में संभावित नुकसानों पर चेतावनी जारी की है। ओलावृष्टि से फसलें, पशुधन और लोग प्रभावित हो सकते हैं, जबकि भारी बारिश से सड़कों पर जलभराव, यातायात बाधा, भूस्खलन और नदियों में बाढ़ आ सकती है। सुझाव: यात्रा से पहले ट्रैफिक अपडेट चेक करें, कमजोर संरचनाओं से दूर रहें, बिजली के उपकरण बंद रखें और पानी से भरे क्षेत्रों से बचें। यह विक्षोभ दक्षिण-पश्चिम मानसून की देरी से वापसी से जुड़ा है, जो अक्टूबर में सामान्य है।
इसे भी पढ़ें- UP Weather Update: यूपी में शुष्क मौसम के बीच बारिश के आसार, इन जिलों को भिगोएंगे बादल