नई दिल्ली, 26 सितंबर 2025। Delhi-NCR: प्रदूषण के खिलाफ सख्ती बरतते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के उत्पादन की अनुमति दे दी है, लेकिन इनकी बिक्री पर अभी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला 26 सितंबर 2025 को एक बेंच ने सुनाया, जिसमें चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजरिया शामिल थे। कोर्ट ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पीईएसओ) से प्रमाणित निर्माताओं को उत्पादन की छूट दी है, लेकिन शर्त यही है कि दिल्ली-एनसीआर में इनकी कोई बिक्री नहीं होगी।
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निर्माताओं को कोर्ट में एक शपथ-पत्र दाखिल करना होगा, जिसमें वे वादा करेंगे कि अगले आदेश तक क्षेत्र में कोई पटाखा नहीं बेचा जाएगा। यह निर्णय दिल्ली-एनसीआर के भयावह वायु प्रदूषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अप्रैल 2025 में कोर्ट ने पटाखों की बिक्री, निर्माण और भंडारण पर साल भर का प्रतिबंध लगाया था, जो दिसंबर 2024 के आदेश को मजबूत करता था। तब कोर्ट ने कहा था कि साफ हवा का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक है और सार्वजनिक स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता। ग्रीन पटाखे, जो पारंपरिक पटाखों से 30% कम प्रदूषण फैलाते हैं, भी पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त साबित नहीं हुए।

कोर्ट ने निर्माताओं से अपील की कि वे पटाखों के प्रदूषण को लगभग शून्य तक लाएं, ताकि भविष्य में पुनर्विचार हो सके। इस महीने की शुरुआत में, 12 सितंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल उठाया था कि दिल्ली-एनसीआर में ही प्रतिबंध क्यों? अगर साफ हवा ‘एलीट’ नागरिकों का अधिकार है, तो पूरे देश के लोगों का क्यों नहीं? कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह सभी हितधारकों से परामर्श कर 8 अक्टूबर तक पटाखों पर नीति का समाधान पेश करे। यह कदम पैन-इंडिया स्तर पर एक समान नीति की दिशा में इशारा करता है। पटाखा उद्योग से जुड़े व्यापारियों और निर्माताओं ने इस प्रतिबंध को चुनौती दी थी, दावा करते हुए कि इससे लाखों परिवारों की आजीविका प्रभावित हो रही है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी संतुलित दृष्टिकोण की मांग की थी, जहां उत्सव मनाने की आजादी हो लेकिन पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सर्दियों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ या ‘खतरनाक’ होने पर कोई ढील नहीं दी जा सकती। पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के एनसीआर जिलों में भी प्रतिबंध लागू है, और कोर्ट ने ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने को कहा है। यह फैसला दिवाली जैसे त्योहारों से पहले आया है, जब पटाखों की मांग चरम पर होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक हितों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है।
निर्माता अब अन्य राज्यों में उत्पादन बेच सकते हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में स्टॉकिंग या बिक्री पर सख्त निगरानी रहेगी। दिल्ली पुलिस को अस्थायी लाइसेंस जारी न करने और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कुल मिलाकर, कोर्ट का यह आदेश प्रदूषण नियंत्रण को प्राथमिकता देते हुए उद्योग को थोड़ी राहत प्रदान करता है, लेकिन बिक्री प्रतिबंध से त्योहारों का रंग फीका पड़ सकता है।
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