दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने संसद के मानसून सत्र में शामिल होने के लिए दी गई हिरासत पैरोल के दौरान उन पर लगाए गए भारी जुर्माने को चुनौती दी है। कोर्ट ने इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस शैलिंदर कौर की खंडपीठ ने कहा कि इस याचिका पर अगली सुनवाई अब 29 जुलाई को की जाएगी। इसी दिन कोर्ट इंजीनियर राशिद की आतंकी फंडिंग केस में दाखिल नियमित जमानत याचिका पर भी सुनवाई करेगा।
17 लाख का खर्च, संसद में हाजिरी बनी बोझ
सुनवाई के दौरान इंजीनियर राशिद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने तर्क दिया कि संसद में भाग लेने के लिए उन पर ₹17 लाख का भारी खर्च डाल दिया गया है, जो कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के लिए अनुचित है। उन्होंने कहा कि पहले भी उन्हें संसद में शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बार-बार इतनी भारी राशि वसूलने के कारण अब उनके लिए संसद सत्र में भाग लेना असंभव हो गया है।
2019 से जेल में बंद हैं इंजीनियर राशिद
इंजीनियर राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें आतंकी फंडिंग मामले में UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत गिरफ्तार किया गया था। NIA ने उन पर आतंकवादियों और अलगाववादी गतिविधियों को आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया है। इसके बावजूद 2024 लोकसभा चुनावों में उन्होंने जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से जीत दर्ज की और सांसद बने।
क्या है मामला?
इंजीनियर राशिद पर गंभीर टेरर फंडिंग के आरोप हैं। उन पर आरोप है कि वे हुर्रियत नेताओं के साथ मिलकर पाकिस्तान और विदेशों से फंड लेकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देते थे। NIA की चार्जशीट के मुताबिक, उन्हें इन गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने का काम सौंपा गया था।
अब इंजीनियर राशिद संसद सत्र में शामिल होना चाहते हैं लेकिन उन पर लगाए गए खर्च ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। हाईकोर्ट इस मुद्दे पर 29 जुलाई को अंतिम निर्णय दे सकती है।