नई दिल्ली, 5 अक्टूबर 2025। दिल्ली सरकार ने सरकारी कल्याण योजनाओं के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राजधानी में आर्थिक सहायता का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों तक ही सीमित रहेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैबिनेट बैठक में लाभार्थियों के वार्षिक सत्यापन को मंजूरी प्रदान की है। इसका उद्देश्य उन लोगों को योजनाओं से बाहर करना है जो गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं, ताकि संसाधन सही हाथों में पहुंचें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह कदम पारदर्शिता को मजबूत करेगा और सरकारी सहायता की प्रभावशीलता बढ़ाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर रुपया वास्तविक पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे। फर्जी लाभार्थी न केवल संसाधनों का अपव्यय करते हैं, बल्कि सच्चे जरूरतमंदों को वंचित भी कर देते हैं।” वर्तमान में, समाज कल्याण विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग जैसी कई योजनाओं से लगभग 6 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
इनमें पेंशन, वृद्धावस्था सहायता, विधवा पेंशन और बालिका शिक्षा जैसी स्कीम्स शामिल हैं। अब इन सभी लाभार्थियों का गहन सत्यापन किया जाएगा, जिसमें उनकी वर्तमान आर्थिक स्थिति, निवास प्रमाण और अन्य दस्तावेजों की जांच होगी। कैबिनेट ने सत्यापन प्रक्रिया को हर साल अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। पहले चरण में इन 6 लाख लाभार्थियों की स्क्रीनिंग शुरू हो जाएगी। सत्यापन के बाद, जो व्यक्ति अब पात्र नहीं रहेंगे जैसे नौकरी लगने या आय सीमा पार करने वालों के नाम लिस्ट से हटा दिए जाएंगे। इससे न केवल बजट की बचत होगी, बल्कि नई सूची में शामिल होने वाले वास्तविक जरूरतमंदों को तुरंत सहायता मिल सकेगी।
सीएम गुप्ता ने बताया कि इस प्रक्रिया से उन लाखों लोगों को फायदा होगा जो अभी कतार में खड़े हैं और सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं। इस महत्वाकांक्षी अभियान को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार ने कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CSC SPV) के साथ साझेदारी की है। CSC SPV डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सत्यापन को सुगम बनाएगा, जिसमें आधार-लिंक्ड वेरिफिकेशन, मोबाइल ऐप और लोकल वॉलंटियर्स की मदद ली जाएगी। यह सिस्टम न केवल तेज होगा, बल्कि डेटा सिक्योरिटी भी सुनिश्चित करेगा। सरकार का अनुमान है कि पहले वर्ष में ही हजारों फर्जी मामलों का पता चल सकता है, जिससे करोड़ों रुपये की बचत होगी।
यह निर्णय दिल्ली की BJP सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे स्वेच्छा से अपनी जानकारी अपडेट करें, ताकि प्रक्रिया सुगम हो। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बनेगा। दिल्ली सरकार ने कहा कि सत्यापन के दौरान किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी, और दोषी पाए जाने पर कानूनी कदम भी उठाए जा सकते हैं।
इस फैसले से न केवल वित्तीय अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा, बल्कि सामाजिक न्याय की भावना भी मजबूत होगी। आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया पूरे जोर-शोर से शुरू हो जाएगी, जो दिल्ली के कल्याण क्षेत्र में नई क्रांति लाएगी।
इसे भी पढ़ें- दिल्ली में ‘फुलेरा पंचायत’ विवाद, सीएम रेखा गुप्ता के पति की सरकारी बैठकों में मौजूदगी पर बवाल