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Delhi Flood Crisis: BJP ने AAP को घेरा, राहत प्रभावितों तक पहुंचाने की मांग, केजरीवाल पर निशाना

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Delhi Flood Crisis

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नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025। Delhi Flood Crisis: दिल्ली में भारी बारिश और यमुना के जलस्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। निचले इलाकों में जलभराव ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, और राहत शिविरों में बुनियादी सुविधाओं की कमी ने लोगों की तकलीफें और बढ़ा दी हैं। इसी बीच, राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को घेरते हुए आरोप लगाया है कि बाढ़ प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुंचाने में सरकार विफल रही है।

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BJP ने AAP नेता अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा, जबकि AAP ने पलटवार करते हुए BJP सरकार को लापरवाही का दोषी ठहराया। दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बाढ़ संकट के दौरान AAP के नेता, खासकर केजरीवाल, नदारद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में बाढ़ के समय केजरीवाल गुजरात दौरे पर थे, और दिल्ली में भी आप विधायक प्रभावित इलाकों में सक्रिय नहीं दिख रहे। सचदेवा ने कहा, “दिल्ली के चांदनी चौक और ओखला जैसे क्षेत्र बाढ़ से जूझ रहे हैं, लेकिन AAP की चिंता कहीं और है।

सरकार ने राहत शिविर बनाए हैं, लेकिन AAP राजनीति कर रही है।” BJP ने मांग की है कि केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर प्रभावितों तक तत्काल राहत पहुंचाएं, जिसमें खाना, पानी, चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षित आश्रय शामिल हों। दूसरी ओर, AAP ने BJP पर हमला बोला। राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहत शिविरों का दौरा किया, जहां प्रभावितों ने उन्हें अपनी व्यथा सुनाई। एक बाढ़ पीड़ित ने कहा, “आपके समय में सुविधाएं समय पर मिलती थीं, अब BJP सरकार में कुछ नहीं हो रहा।”

केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “दिल्ली में ऐसा लगता है कि कोई सरकार ही नहीं है। जनता दुखी है, राहत शिविरों में टेंट, खाना और डॉक्टरों की कमी है।” उन्होंने केंद्र और दिल्ली BJP सरकार से अपील की कि राहत व्यवस्था को राजनीति से ऊपर रखें, क्योंकि यह मानवीय संकट है। केजरीवाल ने AAP कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्यों में जुटें और हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाएं। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी BJP को घेरा। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले तैयारियां न होने से यह स्थिति बनी।

“AAP सरकार के समय नाले समय पर साफ होते थे, पंप लगाए जाते थे। अब MCD और केंद्र दोनों BJP के पास हैं, फिर भी लापरवाही बरती जा रही है।” आतिशी ने राहत शिविरों का दौरा कर सरकार से तत्काल मदद की मांग की। उन्होंने वीडियो शेयर कर दिखाया कि कैसे शिविरों में लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।यह विवाद दिल्ली की बाढ़ तैयारियों पर सवाल खड़े करता है। यमुना का जलस्तर 207 मीटर के पार पहुंच गया है, जिससे शास्त्री पार्क, राजौरी गार्डन, शालीमार बाग जैसे इलाके प्रभावित हैं। सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं, यातायात ठप है।

केंद्र सरकार ने उत्तर भारत के बाढ़ प्रभावित राज्यों को सहायता का वादा किया है, लेकिन AAP ने कहा कि देरी से जनता को और तकलीफ हो रही है। BJP ने पलटवार में AAP पर राजनीतिक बयानबाजी का आरोप लगाया। पंजाब में भी बाढ़ का प्रकोप है, जहां AAP ने राहत सामग्री भेजी। केजरीवाल के निर्देश पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ट्रक लेकर पंजाब गए। उन्होंने कहा, “पंजाब ने हमेशा मदद की, अब हमारी बारी है।” लेकिन BJP ने केजरीवाल पर गुजरात दौरे का हवाला देकर सवाल उठाए।

कुल मिलाकर, बाढ़ संकट ने राजनीतिक दलों को आमने-सामने ला खड़ा किया है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं, लेकिन प्रभावितों को तत्काल राहत की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ की तीव्रता बढ़ रही है, इसलिए लंबी अवधि की योजना जरूरी है। दिल्ली सरकार ने राहत शिविरों में सुधार का आश्वासन दिया है, लेकिन जनता का असंतोष बना हुआ है। यह घटना दिल्ली की शहरी योजना पर पुनर्विचार की मांग को तेज कर रही है।

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