गाजियाबाद, 15 सितंबर 2025। गाजियाबाद में पुलिस की सख्ती का एक अनोखा उदाहरण सामने आया है, जहां डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) ने सादी वर्दी पहनकर, बिना किसी गार्ड के साथ और अपनी निजी कार से एक हुक्का बार पहुंचकर अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश किया। यह घटना शहर के व्यस्त इलाके में हुई, जहां हुक्का बार में युवाओं को नशीले पदार्थों के साथ अवैध रूप से हुक्का परोसने का धंधा फल-फूल रहा था।
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DCP, जिनकी पहचान गोपनीय रखी गई है, ने खुद इस ऑपरेशन की कमान संभाली। उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर यह छापेमारी की गई, ताकि अपराधियों को किसी तरह का संकेत न मिले। सादी वर्दी और निजी वाहन का इस्तेमाल करने से ऑपरेशन की सफलता सुनिश्चित हुई, और मौके पर मौजूद लोग हैरान रह गए जब DCP ने अपनी पहचान उजागर की।
हुक्का बार में पहुंचते ही DCP ने देखा कि वहां बिना लाइसेंस के हुक्का परोसा जा रहा था, जिसमें तंबाकू और अन्य नशीले मिश्रण मिलाए गए थे। युवा ग्राहक बड़ी संख्या में मौजूद थे, जो स्वास्थ्य के लिए घातक इस धंधे का शिकार हो रहे थे। तत्कालीन छापेमारी में बार मालिक सहित 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जब्त सामान में हुक्का पाइप, नशीले मिश्रण, अवैध शराब और अन्य सामग्री शामिल थी।
पुलिस ने मौके पर ही केस दर्ज कर लिया, जिसमें नशीली द्रव्य अधिनियम और स्थानीय नियमों का उल्लंघन शामिल है। DCP ने कहा कि ऐसे अवैध ठिकानों से शहर में नशे का जाल फैल रहा था, जो युवाओं को बर्बाद कर रहा है। इस ऑपरेशन से इलाके में सनसनी फैल गई, और स्थानीय लोगों ने पुलिस की तारीफ की। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, और आगे की पूछताछ जारी है।
इस छापे के दौरान सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई कि हुक्का बार के आसपास की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी लापरवाही बरत रहे थे। DCP की जांच में पता चला कि स्थानीय थाने के 5 पुलिसकर्मी इस अवैध गतिविधि की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रहे थे। संभवतः रिश्वत या मिलीभगत के कारण वे चुप्पी साधे थे। DCP ने तुरंत इन 5 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया, जो विभागीय जांच के दायरे में आ चुके हैं।
लाइन हाजिर होने का मतलब है कि उन्हें थाने से हटाकर पुलिस मुख्यालय में ड्यूटी पर भेजा गया है, जहां उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। यह कार्रवाई गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की पारदर्शिता को दर्शाती है, जहां आंतरिक भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि दोष सिद्ध हुआ, तो इनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई होगी, जिसमें बर्खास्तगी भी शामिल हो सकती है।
यह घटना गाजियाबाद में नशे और अवैध धंधों के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है। DCP के इस साहसिक कदम से पुलिस विभाग में नई ऊर्जा आई है, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। शहर में हुक्का बार और नशीले पदार्थों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं के बीच। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ऑपरेशनों को नियमित करने की जरूरत है, साथ ही जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
स्थानीय निवासियों ने DCP की सराहना की और उम्मीद जताई कि इससे अपराध दर कम होगी। कुल मिलाकर, यह ऑपरेशन न केवल अपराधियों को सबक सिखाता है, बल्कि पुलिसकर्मियों को भी सतर्क रहने की चेतावनी देता है। गाजियाबाद प्रशासन ने वादा किया है कि ऐसे छापों को जारी रखा जाएगा, ताकि शहर को नशामुक्त बनाया जा सके।
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