इलाहाबाद, 20 सितंबर 2025। Cyber Crime: साइबर अपराधियों ने अब एक नया और खतरनाक तरीका अपनाया है, जिसमें वे व्हाट्सएप पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के किसी जज की प्रोफाइल फोटो (डीपी) का इस्तेमाल करके भयभीत करने वाले मैसेज भेज रहे हैं। यह घटना प्रयागराज में सामने आई है, जहां एक वकील को अज्ञात नंबर से धमकी भरा संदेश प्राप्त हुआ। मैसेज में जज की डीपी लगे अकाउंट से पेशेवर भाषा में धमकी दी गई थी, जिसमें कहा गया कि यदि निर्धारित राशि नहीं दी गई तो कानूनी कार्रवाई या व्यक्तिगत नुकसान का खतरा है।
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यह नया ट्रेंड साइबर ठगों की बढ़ती चालाकी को दर्शाता है, जो अब न्यायिक अधिकारियों की छवि का दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि पीड़ित आसानी से भरोसा कर लें। प्रयागराज के इस वकील को मैसेज रात के समय आया, जिसमें जज के नाम से हस्ताक्षरित होने का दावा किया गया था। संदेश में उल्लेख था कि एक पुराने केस में गड़बड़ी हुई है और इसे ठीक करने के लिए तत्काल 50 हजार रुपये ट्रांसफर करने होंगे। वकील ने शुरू में भरोसा करने की कोशिश की, लेकिन संदेह होने पर उन्होंने मैसेज की जांच की। नंबर विदेशी था, जो पाकिस्तान से ट्रेस हुआ।
डीपी की जांच से पता चला कि यह असली जज की सार्वजनिक फोटो से ली गई थी, जो कोर्ट की वेबसाइट या सोशल मीडिया से चुराई गई लग रही थी। वकील ने तुरंत साइबर सेल प्रयागराज में शिकायत दर्ज कराई, जहां आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और आईटी एक्ट की धारा 66D (इम्पर्सनेशन) के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है। पुलिस ने बताया कि यह ठगी का चेन पार्ट हो सकता है, जहां ठग पहले जज या वकील बनकर विश्वास जीतते हैं, फिर पैसे मांगते हैं।
हाल ही में इसी तरह के कई मामले सामने आए हैं, जैसे हैदराबाद में सांसद की डीपी से 92 लाख की ठगी और दिल्ली में एमडी की फोटो से 7 करोड़ का फ्रॉड। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ठग डीपफेक टूल्स और फोटो एडिटिंग ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं, जिससे फर्जी प्रोफाइल बिल्कुल असली लगते हैं। प्रयागराज साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें नंबर ट्रैकिंग, आईपी एड्रेस और संभावित अंतरराष्ट्रीय लिंक की पड़ताल हो रही है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। इस घटना से साफ है कि डिजिटल दुनिया में सतर्कता जरूरी है।
व्हाट्सएप पर अज्ञात नंबर से आने वाले मैसेज, खासकर अधिकारियों के नाम से, को तुरंत सत्यापित करें। एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी वित्तीय मांग पर कोर्ट या पुलिस से संपर्क करें, न कि सीधे पैसे दें। सरकार की साइबर जागरूकता कैंपेन के तहत भी ऐसे मामलों पर फोकस बढ़ाया जा रहा है। प्रयागराज हाईकोर्ट प्रशासन ने भी वकीलों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी पकड़े जाएंगे और पीड़ित को न्याय मिलेगा।
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