गोरखपुर, 29 अगस्त 2025। Cyber Thug: गोरखपुर में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर अपनी काली करतूतों से शहर को दहशत में डाल दिया है। हाल ही में, एक डॉक्टर को आतंकियों से संबंध होने का झूठा आरोप लगाकर डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाया गया। साइबर ठगों ने वाट्सएप के जरिए फर्जी वारंट भेजकर डॉक्टर को डराया और उनसे मोटी रकम ऐंठने की कोशिश की। यह घटना गोरखपुर में बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को दर्शाती है।
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घटना के अनुसार, डॉक्टर के पास एक वाट्सएप कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को किसी जांच एजेंसी का अधिकारी बताया। उसने डॉक्टर पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि उनके खिलाफ वारंट जारी हो चुका है। डर और दबाव में आए डॉक्टर को ठगों ने 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखने की धमकी दी।
इसके साथ ही, फर्जी दस्तावेज और वारंट की तस्वीरें वाट्सएप पर भेजकर ठगों ने मामले को और विश्वसनीय बनाने की कोशिश की। डॉक्टर से कहा गया कि अगर वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे, तो उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। ठगों ने डॉक्टर को एक बैंक खाते में पैसे जमा करने के लिए मजबूर किया, यह दावा करते हुए कि जांच पूरी होने के बाद राशि वापस कर दी जाएगी। डर के मारे डॉक्टर ने अपराधियों के बताए खाते में रकम ट्रांसफर कर दी।
हालांकि, जैसे ही डॉक्टर को ठगी का अहसास हुआ, उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। गोरखपुर साइबर क्राइम सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की और ठगों के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया। पुलिस ने पीड़ित को उनकी रकम का एक बड़ा हिस्सा वापस दिलाने में भी सफलता हासिल की।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी कॉल्स पर तुरंत भरोसा न करें और किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे न भेजें। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन या वाट्सएप के जरिए पैसे मांगने या डिजिटल अरेस्ट जैसी कार्रवाई नहीं करती। इस घटना ने एक बार फिर साइबर जागरूकता की जरूरत को रेखांकित किया है।
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