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Cyber ​​Fraud: यूपी में साइबर ठगी का जाल, फर्जी IAS से लेकर क्रिप्टो करेंसी तक, कैसे हो रही करोड़ों की लूट

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शातिर ठगों का नया खेल: फर्जी पहचान और डिजिटल अरेस्ट

लखनऊ, 5 सितंबर 2025। Cyber ​​Fraud: उत्तर प्रदेश में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां ठग नई-नई तकनीकों और फर्जी पहचानों का सहारा लेकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। हाल के महीनों में, यूपी के विभिन्न शहरों में साइबर अपराधियों ने न केवल आम लोगों बल्कि सरकारी अधिकारियों तक को निशाना बनाया है। ठगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे फर्जी IAS, CBI डायरेक्टर, और सुप्रीम कोर्ट जज बनकर लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठ रहे हैं।

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उदाहरण के लिए, लखनऊ में सौरभ त्रिपाठी नामक एक व्यक्ति ने खुद को IAS अधिकारी बताकर ठगी का जाल बिछाया। वह नीली बत्ती वाली लग्जरी गाड़ियों और फर्जी सरकारी पास का इस्तेमाल करता था। सौरभ ने सोशल मीडिया पर अपनी फर्जी पहचान बनाकर लोगों को नौकरी और सरकारी काम के नाम पर ठगा। वजीरगंज पुलिस ने उसे कारगिल शहीद पार्क के पास पकड़ा, जहां से छह लग्जरी गाड़ियां और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए।

क्रिप्टो करेंसी और शेयर मार्केट का लालच

साइबर ठगों ने अब क्रिप्टो करेंसी और शेयर मार्केट के नाम पर ठगी का नया मॉडल अपनाया है। आगरा में हाल ही में 60 दिनों में 40 से अधिक लोगों से 6 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी हुई। एक मामला एत्मादुद्दौला निवासी मधुर जैन का है, जिनसे फरवरी 2025 में 4.93 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

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ठगों ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें क्रिप्टो करेंसी में निवेश का लालच दिया और फर्जी वेबसाइट्स के माध्यम से पैसे हड़प लिए। इसी तरह, संभल में ठगों ने असली शेयर मार्केट पोर्टल्स की नकल कर फर्जी वेबसाइट्स बनाईं, जिनमें लोगों को निवेश का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे गए। ठग सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग कर लोगों की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करते हैं और फिर उन्हें जाल में फंसाते हैं।

डिजिटल अरेस्ट और फर्जी सिम का जालयूपी में डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी के मामले भी सामने आए हैं। शाहजहांपुर में सात ठगों ने खुद को सुप्रीम कोर्ट जज और CBI डायरेक्टर बताकर 60 वर्षीय शरद चंद के परिवार से 1.47 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने परिवार को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 200 से ज्यादा फर्जी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए।

इसी तरह, नोएडा में इमरान उर्फ तोतला नामक ठग ने फर्जी सिम कार्ड्स और OTP के जरिए कंबोडिया में बैठे अपराधियों को जानकारी भेजकर ठगी की। रायपुर की एक महिला से 2.83 करोड़ रुपये की ठगी का मामला भी यूपी से जुड़ा, जहां पांच ठगों को गिरफ्तार किया गया। ये ठग दिल्ली साइबर सेल के अधिकारी बनकर लोगों को डराते थे।

पुलिस की कार्रवाई और जागरूकता की जरूरत

यूपी पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। आगरा, शाहजहांपुर, और नोएडा में कई ठगों को गिरफ्तार किया गया, और फर्जी खातों व सिम कार्ड्स को जब्त किया गया। हालांकि, ठगों के नेटवर्क का दायरा देश-विदेश तक फैला है, जिसके लिए पुलिस को और सतर्कता बरतने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को सोशल मीडिया पर अनजान लोगों पर भरोसा करने से बचना चाहिए और निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए।

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