नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025। Cyber Fraud: साइबर ठगों ने अब इतना शातिर तरीका अपनाया है कि सिर्फ 2 रुपये देकर भी आपका पूरा बैंक अकाउंट खाली कर दिया जा सकता है। दिल्ली में हाल ही में एक 50 वर्षीय व्यक्ति के साथ यही हुआ। उन्होंने सिर्फ 2 रुपये की ऑनलाइन पेमेंट की और 3 दिन बाद उनके खाते से 98,997 रुपये गायब हो गए। यह मामला 19 नवंबर 2025 को सामने आया है और नई दिल्ली जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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पीड़ित ओडिशा के मूल निवासी हैं और पिछले 20 साल से पृथ्वीराज रोड स्थित एक कोठी में नौकरी करते हैं। 6 अक्टूबर को उन्होंने अपनी पत्नी के लिए दवाइयां स्पीड पोस्ट से ओडिशा भेजी थीं। 11 अक्टूबर को पत्नी ने बताया कि पार्सल अभी तक नहीं पहुंचा। व्यक्ति ने गूगल पर “Speed Post Customer Care” सर्च किया और जो सबसे ऊपर नंबर आया, उस पर कॉल कर दी।
कॉल करने पर दूसरी तरफ से खुद को इंडिया पोस्ट का कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव बताने वाला शख्स बोला, “आपका पार्सल नागपुर में रुका हुआ है। सिर्फ 2 रुपये की छोटी-सी पेमेंट करनी होगी, फिर तुरंत आगे भेज दिया जाएगा।”पीड़ित ने बिना सोचे 2 रुपये का पेमेंट लिंक खोलकर UPI से पेमेंट कर दी। हैरानी की बात यह कि कुछ ही मिनटों में 2 रुपये उनके अकाउंट में वापस भी आ गए – यह ठगों का मनोवैज्ञानिक जाल था ताकि शिकार को भरोसा हो जाए। लेकिन 14 अक्टूबर की शाम को उनके खाते से तीन बड़ी रकम – 34,998 रुपये, 34,999 रुपये और 29,000 रुपये – अलग-अलग ट्रांजैक्शन में गायब हो गईं।
जब तक उन्हें पता चला, तब तक ठग बैंक अकाउंट खाली कर चुके थे।पुलिस जांच में पता चला कि ठगों ने जो पेमेंट लिंक भेजा था, वह एक खतरनाक मैलिशियस APK या फर्जी UPI गेटवे था। जैसे ही पीड़ित ने उस लिंक पर क्लिक कर पेमेंट की, उनके फोन का पूरा एक्सेस ठगों के पास चला गया। ठगों ने रिमोट एक्सेस टूल की मदद से OTP, पासवर्ड, बैंकिंग ऐप और UPI पिन देख लिया। इसके बाद उन्होंने मनमाने अमाउंट की ट्रांजैक्शन कर दीं।
साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह “Small Amount Trap” या “2 रुपये वाला जाल पिछले 3 महीनों में दिल्ली-NCR में 200 से ज्यादा मामलों में इस्तेमाल हुआ है। ठग जानबूझकर बहुत छोटी रकम मांगते हैं ताकि शिकार बिना सोचे पेमेंट कर दे और उनका भरोसा जीत लें। इसके बाद फोन हैक कर लाखों उड़ा लिए जाते हैं।पुलिस ने चेतावनी जारी की है:कभी भी गूगल से मिले नंबर पर कॉल न करें। हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट (indiapost.gov.in) से ही कस्टमर केयर नंबर लें।
- किसी भी अनजान लिंक या QR कोड पर पेमेंट न करें।
- कोई भी APK फाइल डाउनलोड न करें।
- UPI पिन किसी को न बताएं, न ही स्क्रीन शेयर करें।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर ठग अब भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तरीके से शिकार फंसाते हैं। छोटी रकम का लालच या जल्दबाजी में किया गया एक क्लिक आपकी जिंदगी भर की कमाई लूट सकता है।
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