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क्रशर कर्मी की करतूत, 10 हजार में बेचे पट्टे के कागज, पकड़े जाने पर मांगी माफी 

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Crusher worker

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 पटना, 27 अगस्त 2025।  बिहार में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक क्रशर कर्मचारी ने अवैध रूप से 10 हजार रुपये में पट्टे से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज बेच दिए। यह घटना स्थानीय प्रशासन और पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई है, क्योंकि इससे न केवल सरकारी संपत्ति की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं, बल्कि भ्रष्टाचार और दस्तावेजों की हेराफेरी का गंभीर मुद्दा भी उजागर हुआ है। कर्मचारी को पुलिस ने हिरासत में लिया है, लेकिन उसका कहना है कि यह “गलती” थी और मामले को रफा-दफा करने की गुहार लगा रहा है।

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घटना का खुलासा तब हुआ जब एक स्थानीय व्यक्ति ने क्रशर कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें दावा किया गया कि कर्मचारी ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेकर पट्टे से संबंधित दस्तावेज तीसरे पक्ष को बेच दिए। ये दस्तावेज कथित तौर पर एक खनन पट्टे से जुड़े थे, जिसका उपयोग अवैध खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता था। शिकायतकर्ता ने बताया कि कर्मचारी ने पहले तो दस्तावेज देने का वादा किया, लेकिन बाद में पैसे लेने के बावजूद कागजात सौंपने में आनाकानी की।

संदेह होने पर शिकायतकर्ता ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ा गया।पुलिस पूछताछ में कर्मचारी ने स्वीकार किया कि उसने पैसे के लालच में यह गलती की। उसने दावा किया कि उसे दस्तावेजों की संवेदनशीलता का अंदाजा नहीं था और उसने इसे “छोटी-मोटी गलती” करार देते हुए मामले को निपटाने की अपील की। हालांकि, पुलिस ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह कर्मचारी पहले भी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा हो सकता है, और अब पुलिस इस मामले में गहरी छानबीन कर रही है कि क्या इसमें कोई बड़ा रैकेट शामिल है।स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और सभी क्रशर और खनन इकाइयों में दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता की कमी और कमजोर निगरानी को दर्शाती हैं।

खनन माफिया और भ्रष्ट कर्मचारियों के गठजोड़ से न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचता है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी क्षति होती है। इस मामले ने स्थानीय लोगों में भी आक्रोश पैदा किया है। कई सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि दोषी कर्मचारी को कड़ी सजा दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की पूरी जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

 

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