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जहरीले सिरप से मध्य प्रदेश में 23 बच्चों की मौत
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर 2025। Cough Syrup Deaths: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से अब तक 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह मामला 24 अगस्त से शुरू हुआ, जब पहला संदिग्ध केस सामने आया। 7 सितंबर को पहली मौत दर्ज हुई, और उसके बाद 15 दिनों में मौतों का सिलसिला बढ़ गया। जांच में पाया गया कि सिरप में जहरीले तत्वों की मात्रा घातक स्तर पर थी, जो बच्चों के किडनी फेलियर का कारण बनी।
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डीसीजीआई के निर्देश पर इंदौर में कंपनी की फैक्ट्री की जांच हुई, जहां प्रोडक्शन पर तत्काल रोक लगा दी गई। कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी तमिलनाडु के कांचीपुरम में 14 वर्षों से एक जर्जर इमारत में बिना किसी रोकटोक के संचालित हो रही थी।
केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) की जांच में टीएनएफडीए (तमिलनाडु फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन) की बड़ी चूक सामने आई। एजेंसी ने बुनियादी नियामक मानदंडों—जैसे लाइसेंस रिन्यूअल, क्वालिटी चेक और फैक्ट्री इंस्पेक्शन—को लागू करने में पूरी तरह विफल रही। कंपनी का मालिक गोवर्धन रंगनाथन को छिंदवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, और कोर्ट ने 10 दिनों की रिमांड पर भेज दिया।
अन्य राज्यों में अलर्ट
इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल ने कोल्ड्रिफ पर बैन लगा दिया, जबकि राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सतर्कता बरती जा रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी सरकारों को नोटिस जारी कर जांच के आदेश दिए। दक्षिणी राज्यों में हाई अलर्ट है, और दवा नियामक संस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना भारतीय फार्मा उद्योग में गुणवत्ता नियंत्रण की कमजोरी को उजागर करती है। सरकार ने पूरे देश में ऐसे सिरप की जांच तेज कर दी है, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।








