नई दिल्ली, 9 नवंबर 2025। Cold Wave: सर्दी का असली रंग अब धीरे-धीरे नजर आने लगा है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हिमालयी क्षेत्रों में तेज बर्फबारी हो रही है, जिसका असर मैदानी इलाकों पर पड़ना शुरू हो गया है। दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश और बिहार में ठंड का प्रकोप बढ़ने की पूरी संभावना है।
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न्यूनतम तापमान 13-14 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जबकि अधिकतम तापमान भी सामान्य से नीचे रहेगा। यह खबर उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अभी तक गर्म कपड़ों को अलमारी में ही रखे हुए हैं। IMD के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में 5 नवंबर से ही बर्फबारी का दौर चल रहा है।
कश्मीर घाटी में श्रीनगर के आसपास बर्फ की चादर बिछ गई है, जबकि मनाली-शिमला रोड पर हल्की बर्फबारी से पर्यटन प्रभावित हो गया। इसी तरह, उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में भारी हिमपात दर्ज किया गया, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ा और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। ये पर्वतीय बर्फबारी पश्चिमी हवाओं को ठंडा कर मैदानी क्षेत्रों तक पहुंचा रही हैं, जिससे उत्तर भारत में ‘कोल्ड वेव’ की स्थिति बन रही है।
दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो मौसम के औसत से 3 डिग्री कम है। अगले 48 घंटों में यह और गिरकर 12 डिग्री तक पहुंच सकता है। तेज हवाओं के साथ ठंडक का अहसास दोगुना हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों में भी ठिठुरन बढ़ रही है। यहां न्यूनतम तापमान 15-17 डिग्री के बीच रहने की उम्मीद है, जबकि पूर्वांचल में कोहरा छा सकता है।
बिहार के पटना और भागलपुर में सर्द हवाओं ने किसानों को चिंतित कर दिया है। रबी फसलें जैसे गेहूं और सरसों को ठंड से नुकसान हो सकता है। IMD ने पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जिसमें सलाह दी गई है कि लोग गर्म वस्त्र पहनें और बुजुर्गों-बच्चों का विशेष ख्याल रखें।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ला नीना प्रभाव के कारण इस विंटर में ठंड सामान्य से ज्यादा होगी। IMD के लॉन्ग टर्म फोरकास्ट में कहा गया है कि नवंबर-दिसंबर में उत्तर भारत में औसत से 1-2 डिग्री कम तापमान रहेगा, साथ ही असामान्य वर्षा और बर्फबारी भी होगी। दिल्ली में वायु प्रदूषण स्तर भी ठंड से बढ़ सकता है, क्योंकि हल्की हवाएं धूल को जमीन से ज्यादा ऊपर जाने देंगी।
AQI 300 के पार पहुंचने की आशंका है, जो ‘सीवियर’ कैटेगरी में आता है। इससे निपटने के लिए IMD ने कुछ सुझाव दिए हैं। जैसे कि घर से बाहर निकलते समय मास्क, दस्ताने और टोपी जरूर पहनें। गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें और वाहन चालकों को सलाह है कि पहाड़ी इलाकों में चेन लगाकर चलें।
पर्यटन प्रेमियों के लिए यह मौसम रोमांचक है, लेकिन सावधानी बरतें हिमाचल में कई ट्रेकिंग रूट बंद हो चुके हैं। कुल मिलाकर, यह सर्दी उत्तर भारत के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। जलवायु परिवर्तन के दौर में ऐसे मौसमी बदलाव आम हो रहे हैं, लेकिन तैयारी से हम इन्हें आसानी से झेल सकते हैं।
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