लखनऊ, 1 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को जन शिकायतों के समाधान में किसी भी प्रकार की लापरवाही के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनता की समस्याओं का त्वरित और यथोचित समाधान सुनिश्चित करना हर अधिकारी की प्राथमिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण में देरी या लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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यह चेतावनी उन्होंने हाल ही में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दी, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।योगी सरकार ने हमेशा से जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जनता की शिकायतों का समाधान न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि यह सरकार के प्रति जनता के विश्वास को भी मजबूत करता है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जन शिकायतों को गंभीरता से लें और तय समय सीमा के भीतर उनका समाधान करें। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो और आवेदकों को बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें।मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से जनसुनवाई पोर्टल और अन्य शिकायत निवारण तंत्रों के प्रभावी उपयोग पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि इन मंचों के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का तुरंत संज्ञान लिया जाए और समाधान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। योगी ने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी अधिकारी की ओर से लापरवाही या उदासीनता पाई गई, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि एक संवेदनशील और जवाबदेह प्रशासन ही सुशासन का आधार है। योगी सरकार का यह कदम जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि उत्तर प्रदेश में सुशासन और जनकल्याण सर्वोपरि है।
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