लखनऊ, 14 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास को नई गति देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में वाराणसी और आजमगढ़ मंडल के विधायकों व विधान परिषद सदस्यों के साथ आयोजित बैठक में सीएम ने 22,468 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है। यह निर्णय प्रदेश के विकास को तेज करने और ग्रामीण-शहरी संपर्क को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। बैठक में कुल 3,165 विकास कार्यों को हरी झंडी दी गई, जिसमें सड़कें, पुल और अन्य कनेक्टिविटी परियोजनाएं प्रमुख हैं।
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मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में आयोजित इस मेगा मीटिंग में जनप्रतिनिधियों से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विधायकों से उनके क्षेत्रों में प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता सूची मांगी और पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि इन प्रस्तावों पर तुरंत कार्रवाई हो। सीएम ने स्पष्ट कहा कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि विकास कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरे हों।
विशेष रूप से ब्लॉक मुख्यालयों तक संपर्क मार्ग, इंटर कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों की सड़कें और फ्लाईओवर जैसे प्रोजेक्ट्स पर जोर दिया गया। इसके अलावा, चीनी मिलों से जुड़ी सड़कें, सिंगल कनेक्टिविटी वाली सड़कें और दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पॉट्स के सुधार को 100 प्रतिशत पूरा करने के आदेश दिए गए। यह मंजूरी उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की योगी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
22,468 करोड़ रुपये का यह निवेश न केवल सड़कों का जाल बिछाएगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़कें किसानों को बाजार तक आसानी से पहुंचने में मदद करेंगी, जबकि शहरी इलाकों में ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी। सीएम ने नगर विकास विभाग को भी निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को इसमें शामिल किया जाए। पर्यटन से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की कनेक्टिविटी को मजबूत करना प्राथमिकता होगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने लखनऊ मंडल के 42 विधायकों और 5 एमएलसी के साथ बैठक में 42,891 करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर चर्चा की थी। इसी तरह, अन्य मंडलों में भी विधायकों के सुझावों पर 70,000 करोड़ से अधिक के कार्यों की योजना बनाई जा रही है। पीडब्ल्यूडी के पास उपलब्ध 30,000 करोड़ के बजट को ध्यान में रखते हुए ये परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी। योगी सरकार का यह प्रयास प्रदेश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के विजन के अनुरूप है। सड़क और पुल निर्माण से न केवल यात्रा सुरक्षित होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उदाहरण के लिए, इन प्रोजेक्ट्स से हजारों मजदूरों को काम मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में विधायकों से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों के विकास कार्यों की निगरानी करें और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने शहीदों के गांवों और बाढ़ प्रभावित इलाकों की सड़कों को विशेष महत्व दिया। कुल मिलाकर, यह निर्णय उत्तर प्रदेश को आधुनिक और कनेक्टेड राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर विधानसभा क्षेत्र में समान विकास हो, ताकि कोई क्षेत्र पीछे न रहे। इन परियोजनाओं से निश्चित रूप से यूपी की तस्वीर बदल जाएगी।
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