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Cloud Burst: किश्तवाड़ में बादल फटने से भयावह तबाही, 10 की मौत की आशंका, बचाव कार्य तेज

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जम्मू कश्मीर, 14 अगस्त 2025। Cloud Burst:  जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को बादल फटने की घटना ने चोसिटी गांव में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। यह घटना मचैल माता यात्रा के मार्ग पर पड्डर उप-मंडल के चोसिटी क्षेत्र में हुई, जो इस तीर्थयात्रा का शुरुआती बिंदु है। बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचाया, जिसमें एक लंगर शेड भी बह गया। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू करते हुए बचाव और राहत कार्यों को तेज कर दिया है।

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उपायुक्त किश्तवाड़ पंकज कुमार शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह के नेतृत्व में बचाव दल प्रभावित क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और नागरिक प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उपायुक्त से बात कर स्थिति की जानकारी ली और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “चोसिटी में बादल फटने से भारी नुकसान की आशंका है। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की, बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच चुका है।”

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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर दुख जताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचाव और राहत कार्यों को और तेज किया जाए ताकि प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता मिल सके। स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा ने भी इस आपदा की गंभीरता को रेखांकित करते हुए एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों की मांग की।

इस आपदा के कारण मचैल माता यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। क्षेत्र में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी भी जारी की गई है, जिसने स्थिति को और जटिल बना दिया है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है और घायलों के लिए चिकित्सा व्यवस्था को प्राथमिकता दे रहा है।

 

यह घटना जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में बादल फटने की दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले बुधवार को किश्तवाड़ के होंजार गांव में भी बादल फटने से सात लोगों की मौत हुई थी और 19 लोग लापता हो गए थे। इन घटनाओं ने क्षेत्र में आपदा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं।

किश्तवाड़ में बादल फटने की इस त्रासदी ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की चुनौतियों को उजागर किया है। प्रशासन और बचाव दलों की त्वरित कार्रवाई से प्रभावित लोगों को राहत देने की कोशिश जारी है। यह घटना क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आपदा प्रबंधन की बेहतर रणनीति की जरूरत को रेखांकित करती है।

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